गगनयान मिशन से वायुसेना अधिकारी अजीत कृष्णन की वापसी: बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा प्राथमिकता

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के चलते वायुसेना ने गगनयान मिशन से ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को तत्काल वापस बुला लिया। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।

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Priya Singh
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Air Force officer Ajit Krishnan

Photograph: (Screengrab)

Air Force officer Ajit Krishnan return from Gaganyaan mission Security a priority amid rising tension with Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने देश की अंतरिक्ष योजनाओं पर भी असर डाला है। भारतीय वायुसेना ने गगनयान मिशन से जुड़े एक प्रमुख अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से वापस बुला लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया यह निर्णय दर्शाता है कि भारत अपनी वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ सीमावर्ती सुरक्षा को भी समान महत्व देता है।

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गगनयान मिशन से वायुसेना अधिकारी अजीत कृष्णन की वापसी: बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा प्राथमिकता

India tv की खबर के मुताबिक, हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई और पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है। इस वजह से वायुसेना ने गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्री और ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को तत्काल वापस बुला लिया है। यह निर्णय सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

गगनयान मिशन से जुड़ी अहम भूमिका

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ग्रुप कैप्टन कृष्णन भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों में से एक थे, जिन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुना गया था। यह मिशन 2027 की शुरुआत में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिन की उड़ान के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने की योजना बना रहा है। कृष्णन के अलावा, विंग कमांडर अंगद प्रताप भारत में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि शुभांशु शुक्ला और प्रशांत नायर अमेरिका में एक्सिओम-4 मिशन की तैयारी में हैं।

अनुभवी पायलट की विशेषता

2003 में वायुसेना में शामिल हुए अजीत कृष्णन एक अनुभवी परीक्षण पायलट और प्रशिक्षक हैं। उन्हें Su-30 MKI और MiG-29 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों पर 2,900 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। उनका चयन गगनयान मिशन के लिए उनकी विशेषज्ञता और दबाव में निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है।

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अंतरिक्ष प्रशिक्षण और सहयोग जारी

हालांकि उन्हें मौजूदा हालात के चलते ड्यूटी से हटाया गया है, लेकिन कृष्णन ने साफ किया कि गगनयान का प्रशिक्षण कार्यक्रम बदस्तूर जारी रहेगा। इसरो और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर प्रशिक्षण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। रूस ने भारत की बेंगलुरु स्थित प्रशिक्षण सुविधा स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा और वैज्ञानिक संतुलन

गगनयान अब अपने अंतिम परीक्षण चरण में है, जिसमें दो मानव रहित मिशन भी शामिल हैं। इनमें से एक मिशन में इसरो का मानव-सदृश रोबोट 'व्योममित्र' भी उड़ान भरेगा। इस बीच, सीमाओं पर बढ़ते तनाव के कारण कृष्णन जैसे अनुभवी अधिकारियों की वापसी यह दिखाती है कि भारत, वैज्ञानिक उपलब्धियों और सुरक्षा जरूरतों के बीच संतुलन बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहा है।