Allahabad High Court: Marriage Does Not Mean Man is Owner of Wife: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि विवाह पति को पत्नी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं देता। मिर्जापुर जिले के एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी का अश्लील वीडियो फेसबुक पर अपलोड करने के मामले में अदालत ने आरोपी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कृत्य न केवल निजता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि वैवाहिक विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है।
पत्नी का वीडियो वायरल करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी: शादी का मतलब पत्नी पर स्वामित्व नहीं
अदालत में दायर याचिका में आरोपी पति ने आरोप पत्र को रद्द करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि एक पति से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पत्नी द्वारा उस पर रखे गए विश्वास और गोपनीयता का सम्मान करे। विवाह एक संविदात्मक और सामाजिक संबंध है, जो पति को पत्नी पर स्वामित्व या नियंत्रण का अधिकार नहीं देता।
कोर्ट ने आगे कहा कि फेसबुक पर इस तरह के अंतरंग वीडियो शेयर करना पत्नी की निजता का गंभीर उल्लंघन है। यह वैवाहिक संबंधों की पवित्रता को भी ठेस पहुंचाता है। पत्नी की शारीरिक स्वायत्तता और गोपनीयता का सम्मान करना न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता भी है।
क्या है पूरा मामला
मामले के अनुसार, मिर्जापुर जिले में प्रद्युमन यादव नामक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी ने आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज कराया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पति ने उसकी जानकारी और सहमति के बिना एक अश्लील वीडियो बनाया और उसे पहले फेसबुक पर अपलोड किया। बाद में, उसने यह वीडियो अपनी पत्नी के चचेरे भाई और अन्य लोगों को भी साझा कर दिया।
क्या कहना है वकीलों का
आरोपी के वकील ने दलील दी कि शिकायतकर्ता उसकी कानूनी रूप से विवाहित पत्नी है, इसलिए इस मामले में आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत अपराध नहीं बनता। उन्होंने यह भी कहा कि पति और पत्नी के बीच समझौते की संभावना है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने इस तर्क का विरोध किया और कहा कि विवाह पति को पत्नी की निजता भंग करने का अधिकार नहीं देता। अदालत ने आरोपी की याचिका खारिज करते हुए मामले की सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया।
पत्नी का वीडियो वायरल करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी: शादी का मतलब पत्नी पर स्वामित्व नहीं
एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के अंतरंग वीडियो को फेसबुक पर वायरल किये जाने के बाद कोर्ट ने कहा कि फेसबुक पर इस तरह के अंतरंग वीडियो शेयर करना पत्नी की निजता का गंभीर उल्लंघन है। यह वैवाहिक संबंधों की पवित्रता को भी ठेस पहुंचाता है।
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Allahabad High Court: Marriage Does Not Mean Man is Owner of Wife: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि विवाह पति को पत्नी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं देता। मिर्जापुर जिले के एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी का अश्लील वीडियो फेसबुक पर अपलोड करने के मामले में अदालत ने आरोपी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कृत्य न केवल निजता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि वैवाहिक विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है।
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अदालत में दायर याचिका में आरोपी पति ने आरोप पत्र को रद्द करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि एक पति से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पत्नी द्वारा उस पर रखे गए विश्वास और गोपनीयता का सम्मान करे। विवाह एक संविदात्मक और सामाजिक संबंध है, जो पति को पत्नी पर स्वामित्व या नियंत्रण का अधिकार नहीं देता।
कोर्ट ने आगे कहा कि फेसबुक पर इस तरह के अंतरंग वीडियो शेयर करना पत्नी की निजता का गंभीर उल्लंघन है। यह वैवाहिक संबंधों की पवित्रता को भी ठेस पहुंचाता है। पत्नी की शारीरिक स्वायत्तता और गोपनीयता का सम्मान करना न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता भी है।
क्या है पूरा मामला
मामले के अनुसार, मिर्जापुर जिले में प्रद्युमन यादव नामक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी ने आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज कराया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पति ने उसकी जानकारी और सहमति के बिना एक अश्लील वीडियो बनाया और उसे पहले फेसबुक पर अपलोड किया। बाद में, उसने यह वीडियो अपनी पत्नी के चचेरे भाई और अन्य लोगों को भी साझा कर दिया।
क्या कहना है वकीलों का
आरोपी के वकील ने दलील दी कि शिकायतकर्ता उसकी कानूनी रूप से विवाहित पत्नी है, इसलिए इस मामले में आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत अपराध नहीं बनता। उन्होंने यह भी कहा कि पति और पत्नी के बीच समझौते की संभावना है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने इस तर्क का विरोध किया और कहा कि विवाह पति को पत्नी की निजता भंग करने का अधिकार नहीं देता। अदालत ने आरोपी की याचिका खारिज करते हुए मामले की सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया।