Andhra Pradesh patient grabbed a female doctor by her hair and threw her down: आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसवीआईएमएस) में एक चौंकाने वाली घटना में एक मरीज ने महिला जूनियर डॉक्टर को परेशान किया। मरीज ने डॉक्टर को बालों से पकड़कर अस्पताल में स्टील की रॉड से पटक दिया। अन्य डॉक्टरों ने महिला डॉक्टर को बचाया और मरीज को काबू में किया, जिसे वहां से भगा दिया गया। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है।
आंध्र प्रदेश के अस्पताल में मरीज ने महिला डॉक्टर को बालों से पकड़कर पटक दिया
खबर के अनुसार, जूनियर डॉक्टर ने एसवीआईएमएस के निदेशक सह कुलपति डॉ. आरवी कुमार को एक पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि 24 अगस्त को जब यह घटना हुई, तब वह आपातकालीन चिकित्सा विभाग में ड्यूटी पर थीं।
जूनियर डॉक्टर ने सुरक्षा उपायों की अपील की
उसने आगे लिखा, "मुझ पर एक मरीज बंगारू राजू ने अप्रत्याशित रूप से हमला किया, जो पीछे से मेरे पास आया, मेरे बाल खींचे और मेरे सिर को जबरन चारपाई की स्टील की छड़ से टकराने लगा।" डॉक्टर ने यह भी कहा कि उसे बचाने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था।
डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टर ने कहा, "अगर मरीज के पास कोई धारदार हथियार होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।" जूनियर डॉक्टर का समर्थन करने और डॉक्टरों की सुरक्षा में कमी के खिलाफ बोलने के लिए डॉक्टरों ने सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।
डॉक्टरों के खिलाफ की गई हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
यह घटना कोलकाता में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर लोगों के आक्रोश के बीच हुई है। डॉक्टरों की सुरक्षा में कमी के खिलाफ आंदोलन के जोर पकड़ने के साथ ही कार्यस्थल पर डॉक्टरों को परेशान किए जाने के कई मामले सामने आए हैं।
इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में हिंसा को रोकने के लिए एक व्यवस्था बनाने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाने का सुझाव दिया है। टास्क फोर्स को लिंग आधारित हिंसा को रोकने और कार्यस्थल पर डॉक्टरों के लिए उचित कार्य स्थितियों के लिए योजना बनानी होगी।