अंकिता भंडारी हत्याकांड: तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

कोटद्वार की अदालत ने 14 महीने की सुनवाई के बाद 2022 अंकिता भंडारी हत्याकांड में पूर्व भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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Priya Singh
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Ankita Bhandari Murder Case

Photograph: (aajtak)

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड में 2022 के अंकिता भंडारी हत्याकांड में 14 महीने की सुनवाई के बाद आखिरकार न्याय की किरण दिखी है। कोटद्वार की एक अदालत ने इस सनसनीखेज मामले में पूर्व भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और दो अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला महिला सुरक्षा, राजनीतिक प्रभाव और न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों के बीच आया है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

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अंकिता भंडारी हत्याकांड: तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

उत्तराखंड की कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने शुक्रवार को पूर्व भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और उसके दो साथियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की 2022 में हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

घटना का दुखद क्रम और लोगों में आक्रोश

अंकिता भंडारी 18 सितंबर, 2022 को अचानक लापता हो गईं, जिसने तुरंत स्थानीय प्रशासन और आम जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा। कुछ ही दिनों बाद, उनका शव चिल्ला नहर से बरामद किया गया, और यह घटना देखते ही देखते एक बड़े राष्ट्रीय विवाद में बदल गई। यह मामला तेजी से महिला सुरक्षा, राजनीतिक प्रभाव और न्याय वितरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस का केंद्र बन गया। शुरुआती जांच में कथित तौर पर हुई गड़बड़ी और आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने के आरोपों ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया। इसके परिणामस्वरूप, उत्तराखंड सहित पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसने सरकार और न्यायपालिका पर तत्काल कार्रवाई का दबाव बनाया।

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जांच और आरोपपत्र

इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए, एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया, जिसने गहन जांच की। SIT ने अपनी जांच के आधार पर 97 गवाहों के नाम से एक 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। इस आरोपपत्र में मामले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य और बयान शामिल थे। मुकदमे की सुनवाई 28 मार्च, 2023 को शुरू हुई, जिसके दौरान SIT द्वारा नामित 47 गवाहों ने अपनी गवाही दी। इन गवाहों के बयानों और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों ने आरोपियों के खिलाफ मजबूत मामला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आरोपियों पर लगाए गए आरोप

पुलकित आर्य और दो अन्य आरोपियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर भारत न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे। इनमें धारा 302 (हत्या), धारा 201 (साक्ष्यों को गायब करना) और धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) शामिल थीं। इसके अलावा उनके खिलाफ अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए थे। मामले की गंभीरता और आरोपियों के कथित आपराधिक इतिहास को देखते हुए, बाद में तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया, जो उनकी आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक कड़ा कदम है।

क्या है पूरा मामला

पुलकित आर्य, जो अब निलंबित भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे हैं, पर अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट में ग्राहकों को 'विशेष सेवा' देने के लिए दबाव डालने का गंभीर आरोप था। यह आरोप इस दुखद घटना का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। 18 सितंबर, 2022 की शाम को, अंकिता भंडारी, पुलकित आर्य, रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और एक अन्य कर्मचारी अंकित उर्फ ​​पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी। वापसी के दौरान, यह सभी चीला रोड के किनारे एक नहर के पास रुका, जहाँ तीनों लोगों ने शराब पी, जबकि अंकिता इंतजार कर रही थी। कथित तौर पर यहीं पर एक तीखी बहस हुई, जिसमें अंकिता ने रिसॉर्ट में चल रही कथित अवैध गतिविधियों को लेकर उनसे भिड़ गई और उन्हें चेतावनी दी कि वह उनका पर्दाफाश करेगी। गुस्से में आकर, तीनों ने उसे नहर में धकेल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

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अंकिता की मां की न्याय की गुहार

अदालत के फैसले से कुछ घंटे पहले, अंकिता की मां ने भावुक होकर न्यायपालिका से तीनों आरोपियों को मौत की सजा देने का आग्रह किया था। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अपराधियों को मौत की सजा मिले, मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूं कि वे हमारा समर्थन करते रहें और हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए कोटद्वार कोर्ट आएं।"

ANKITA BHANDARI murder