Anti-Cheating Bill Passed In Lok Sabha :भारत सरकार ने सरकारी परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए एक कड़ा कानून पारित किया है। इस 'Anti-Cheating' बिल के अनुसार, अगर कोई परीक्षा में नकल करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना होगा
नकल करने वालों को हो सकती है 10 साल जेल और 1 करोड़ जुर्माना
कानून का उद्देश्य
यह कानून सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए लाया गया है। इससे युवाओं को विश्वास दिलाया जाएगा कि उनकी मेहनत का फल मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित है। साथ ही, यह कानून उन लोगों, संगठनों या संस्थानों को कड़ी सजा देने का प्रावधान करता है जो नकल करवाकर गलत तरीके से लाभ कमाते हैं।
कब पारित हुआ कानून?
लोकसभा ने इस विधेयक को "लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक" के नाम से पारित किया है। यह बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा और वहां से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा।
कौन से अपराध दंडनीय हैं?
इस बिल में 20 विशिष्ट अपराधों की सूची दी गई है, जिनमें प्रश्नपत्र लीक करना, किसी और की जगह परीक्षा देना, दस्तावेजों में छेड़छाड़ करना आदि शामिल हैं।
सजा का प्रावधान
इस बिल में कम से कम तीन साल (अधिकतम 10 साल) तक की जेल और भारी जुर्माना का प्रावधान है। नकल करने वाले छात्रों के अलावा, इस कानून में परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों और संस्थानों को भी सजा का प्रावधान है। सेवा प्रदाता कंपनियां जो नकल करवाने में शामिल पाई जाती हैं, उन्हें 120,000 डॉलर तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही, उन पर परीक्षा खर्च वसूल करने और चार साल तक सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने से प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
कानून का महत्व
यह कानून सरकारी परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल परीक्षाओं में निष्पक्षता आएगी, बल्कि मेहनती छात्रों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने से सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और योग्य उम्मीदवारों को ही नौकरी मिलेगी।
नकल रोकने के लिए कड़े प्रावधान
यह विधेयक परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए कई कड़े प्रावधान करता है, जैसे:
- परीक्षा प्रक्रिया में तकनीकी सहायता के लिए एक राष्ट्रीय तकनीकी समिति का गठन।
- नकल से जुड़े 20 अपराधों की स्पष्ट परिभाषा, जैसे प्रश्नपत्र लीक करना, किसी और की जगह परीक्षा देना, दस्तावेजों में छेड़छाड़ करना आदि।
- परीक्षा प्रदाता कंपनियों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 4 साल तक सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने पर प्रतिबंध।
राष्ट्रपति ने जताई थी सख्त कानून की जरूरत
पिछले महीने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परीक्षा में धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता पर बल दिया था। सरकार ने उनके आह्वान पर इस विधेयक को पेश किया है।