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वार्षिक AIFF अवॉर्ड्स की विजेता बनीं बाला देवी और मनीषा कल्याण

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Swati Bundela
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विजेता बनने पर बोलीं बाला देवी


विजेता घोषित होने और पुरस्कार जीतने पर 31 वर्षीय बाला देवी ने कहा," मैं बहुत खुश हूं इस खिताब को जीतकर। AIFF और मेरे सभी फैंस को मुझे सपोर्ट करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । मैं अपने सभी कोच का भी धन्यवाद अदा करना चाहूंगी जिन्होंने मुझे रेंजर्स के क्लब में और नेशनल टीम में मदद की और साथ ही आज तक मुझे ट्रेन करने वाले सभी कोचेस को मैं शुक्रिया अदा करती हूं। एक बड़ा धन्यवाद मेरी फैमिली और मेरे सभी टीममेट्स को जिन्होंने मुझे इतना सपोर्ट किया।"
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उन्होंने आगे बताया ," मैं पिछले साल लॉक डाउन से पहले स्कॉटलैंड पहुंची थी जिसके बाद वहां नई जगह पर खुद को ऐसी परिस्थितियों में एडजस्ट करना मेरे लिए काफी मुश्किल था। पर मेरे कोचेस और टीममेट की मदद से में उन चीज़ो पर अच्छे से फोकस कर पाई जो मेरे लिए ज्यादा जरूरी थीं और खुद को मेंटली और फिजिकली फिट कर पाई।
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बाला देवी पहली महिला भारतीय फुटबॉलर हैं जिन्होंने यूरोप में एक प्रोफेशनल कॉन्ट्रकैट साइन किया है।
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19 वर्षीय मनीषा कल्याण ने खिताब जीतकर की मीडिया से बात


19 वर्षीय मनीषा कल्याण जो कि फॉरवर्ड भी हैं, ने वुमन इमर्जिंग फुटबॉलर ऑफ द ईयर में पहली बार में अपना नाम बना लिया है और उसके बाद उन्होंने इस खिताब के मिलने पर खुशी जाहिर की।
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उन्होंने कहा, " थैंक यू AIFF जो आपने मुझे चुनाव एक इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए। यह अवार्ड मुझे मेरी टीम के प्रति निष्ठा से काम करने के लिए प्रेरित करता है और अपने हर गोल को अचीव करने के लिए मजबूती देता है।"

AIFF के द्वारा अवॉर्ड्स से सम्मानित होने पर दोनों ही महिला खिलाड़ी बाला देवी और मनीषा कल्याण ने भारत का नाम खूब रोशन किया।
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