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बेंगलुरु में 10 साल के बच्चे द्वारा एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से छेड़छाड़ का दावा, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

बेंगलुरु में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने आरोप लगाया कि उन्हें 10 साल के बच्चे ने सार्वजनिक रूप से छेड़ा। घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।

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Vaishali Garg
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Sexual Harassment

बेंगलुरु में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नेहा बिस्वाल ने आरोप लगाया है कि उन्हें एक 10 साल के बच्चे द्वारा सार्वजनिक रूप से छेड़ा गया। यह घटना तब हुई जब वह रात में अपने घर लौट रही थीं।

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बेंगलुरु में 10 साल के बच्चे द्वारा एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से छेड़छाड़ का दावा, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

घटना का विवरण

नेहा बिस्वाल, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, ने इस घटना को अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया। बिस्वाल के अनुसार, बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट में वह एक सड़क पर व्लॉगिंग कर रही थीं जब एक लड़का साइकिल पर आया, उन्हें “हाय” कहा, और अचानक से उन पर गलत इरादे से हाथ लगाया।

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इस घटना के बाद, बिस्वाल ने यह भी बताया कि आस-पास मौजूद लोगों ने उन्हें बच्चे को छोड़ देने की सलाह दी क्योंकि वह नाबालिग था। लोगों ने यह तर्क भी दिया कि हो सकता है बच्चे ने यह गलती अनजाने में की हो।

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वीडियो ने किया सच को उजागर, समाज में जागी न्याय की मांग

हालांकि, बिस्वाल के पास इस घटना का वीडियो सबूत था, जिसके बाद लोगों ने उनकी बात पर विश्वास किया। उन्होंने बताया कि घटना के समय वहां लगभग 200 लोग मौजूद थे, परंतु उनका समर्थन केवल तभी मिला जब उनके पास वीडियो का सबूत था।

बिस्वाल ने कहा, “लोग मुझसे सच बोलने को कह रहे थे। जब मैंने वीडियो दिखाया, तब लोगों ने माना। मुझे सच में लगा कि इस दुनिया में किसी के लिए कोई नहीं है।”

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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: सुरक्षा और सामाजिक विभाजन पर बहस

इस घटना ने सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं। कुछ लोगों ने जहां महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताई, वहीं कुछ ने इसे 'उत्तर-दक्षिण' विभाजन और बेंगलुरु में बढ़ते बाहरी लोगों से जोड़ते हुए इस मुद्दे को और जटिल बना दिया।

एक उपयोगकर्ता ने कहा, "यह शर्मनाक है कि कुछ लोग इस घटना को जस्टिफाई कर रहे हैं और भाषा के कोण से इसे देख रहे हैं। यह एक दुखद स्थिति है।"

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दूसरे उपयोगकर्ता ने लिखा, "बिस्वाल की पोशाक पर टिप्पणी करना, और उनकी कहानी को झूठा बताना महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह 2024 है, सोच बदलनी होगी।"

इस घटना के बाद बेंगलुरु पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि आरोपी की पहचान हो सके।

अब ये घटना ना केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है बल्कि यह दिखाती है कि समाज में कैसे कुछ लोग पीड़िता को दोषी ठहराने में भी पीछे नहीं हटते।

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