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बेंगलुरु में तकनीकी कर्मचारी की आत्महत्या: अतुल सुभाष की पूर्व पत्नी और ससुराल वाले गिरफ्तार

बेंगलुरु में अतुल सुभाष ने आत्महत्या की और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें अपनी पत्नी और न्याय प्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए। इस घटना ने भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया।

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Vaishali Garg
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Bengaluru Man Dies By Suicide

Atul Subhash's Ex-Wife, In-Laws Arrested: 34 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष 9 दिसंबर को अपने बेंगलुरु स्थित घर में लटके पाए गए। पुलिस के अनुसार, अतुल ने आत्महत्या की और 24 पन्नों का एक नोट छोड़ा, जिसमें अपनी पूर्व पत्नी और ससुराल वालों द्वारा उत्पीड़न की बात कही गई थी। डीसीपी व्हाइटफील्ड डिवीजन, बेंगलुरु के अनुसार, 14 दिसंबर को सुभाष की पूर्व पत्नी निकिता सिंघानिया को गुड़गांव में गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज में गिरफ्तार किया गया।

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सिंघानिया को अदालत में पेश किया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि एक अन्य आरोपी, निकिता के रिश्तेदार सुशील सिंघानिया, की भूमिका की जांच की जा रही है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं। निकिता की पहचान मामले में आरोपी नंबर 1 के रूप में की गई है, उसकी मां निशा की पहचान आरोपी नंबर 2 और उसके भाई अनुराग की पहचान आरोपी नंबर 3 के रूप में की गई है।

बेंगलुरु में तकनीकी कर्मचारी की आत्महत्या: अतुल सुभाष की पूर्व पत्नी और ससुराल वाले गिरफ्तार

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न्याय प्रणाली पर सवाल

अतुल और निकिता सिंघानिया की शादी 2019 में हुई थी। तलाक के बाद, निकिता और उनके परिवार ने अतुल और उनके माता-पिता पर कई मामले दर्ज किए, जिनमें दहेज प्रताड़ना और अप्राकृतिक यौनाचार जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। सुसाइड नोट में अतुल ने लिखा कि उनकी पत्नी ₹40,000 मासिक भरण-पोषण के बावजूद ₹2-4 लाख और मांग रही थीं।

आत्महत्या से पहले की गई योजना

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पुलिस के अनुसार, अतुल ने आत्महत्या से पहले अपनी योजना बनाई थी। उनकी अलमारी पर "डे 1" और "डे 2" का टाइमटेबल चिपका मिला। आत्महत्या के समय उनके गले में एक बोर्ड लटका था, जिस पर लिखा था: "न्याय लंबित है"।

पुरुष अधिकारों की बात

पुरुष अधिकार कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज ने कहा, "हमारे समाज में ऐसे कई पुरुष हैं जो कानूनी और भावनात्मक समर्थन से वंचित रह जाते हैं। उनकी आवाज़ नहीं सुनी जाती और परिवार समेत उन्हें झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है। भारत में पुरुषों के लिए कोई विशेष मंच या सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं है।"

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सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर #JusticeForAtulSubhash और #GenderNeutralLaws जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। यूजर्स ने भारतीय न्याय प्रणाली की खामियों पर सवाल उठाए और अतुल के लिए न्याय की मांग की। कई लोगों ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में लिंग-निरपेक्ष कानून बनाए जाएं।

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कानूनी कदम

मराठहल्ली पुलिस ने अतुल की पत्नी और उनके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया है।

यह घटना समाज और न्याय व्यवस्था के उन पहलुओं को उजागर करती है, जो अक्सर पुरुषों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं।

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