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Bihar News: भोजपुर की महिलाएं पैड बनाकर गांव को कर रहीं जागरूक

न्यूज़: बता दें पिछले कुछ वर्षों से सेनेटरी पैड को लेकर भारत में बहुत जागरूकता देखी गई है। गांव के लोग भी अब धीरे-धीरे सेनेटरी पैड को लेकर जागरूक हो रहे हैं। अब भोजपुर की दावा पंचायत के सहयोग से गांव में और जगारूकता आ रही है।

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Prabha Joshi
Apr 14, 2023 16:15 IST
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भोजपुर में बनाए जा रहे सेनेटरी पैड

 Bihar News: बिहार के भोजपुर में सेनेटरी पैड को लेकर एक खबर सामने आ रही है। भोजपुर की दावा पंचायत की मुखिया सुषुमलता कुशवाहा के नेतृत्व से यहां की महिलाएं न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि वे गांव की महिलाओं को सेनेटरी पैड को लेकर जागरूक भी कर रही हैं। 

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बता दें पिछले कुछ वर्षों से सेनेटरी पैड को लेकर भारत में बहुत जागरूकता देखी गई है। गांव के लोग भी अब धीरे-धीरे सेनेटरी पैड को लेकर जागरूक हो रहे हैं। मनोरंजन से जुड़ी दुनिया में इसका प्रचार होने से और भी जागरूकता बढ़ी है। अब भोजपुर की दावा पंचायत के सहयोग से गांव में और जगारूकता आ रही है। 

सुषुमलता कुशवाहा का बड़ा कदम

दावा पंचायत की मुखिया सुषुमलता कुशवाहा के सहयोग से गांव की महिलाएं पैड बनाने का काम कर रही हैं। ये महिलाएं पैड बनाने के साथ-साथ गांव को जागरूक भी कर रही हैं। पैड बनाने की सूझ कोविड के दौरान सामने आई। पहले ये महिलाएं हाथ से सेनेटरी पैड बनाया करती थीं। बाद में मुख्यमंत्री नव निर्माण योजना की मदद से महिलाओं का ये काम और आसान हो गया। महिलाओं को पैड बनाने की मशीन मिल गई। 

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कोरोना काल के लॉकडाउन में इसका ख्याल आया। सोचा कि अगर यहां भी कुछ रोजगार का काम होता तो ये बाहर जाने वाली महिलाएं बाहर न जाकर यहीं कमा कर अपना भरण पोषण कर लेतीं। इसके बाद कुछ महिलाओं का समूह बना कर हाथ से सेनेटरी पैड बनाने की कवायद शुरू की गई। बाद में मुख्यमंत्री नव निर्माण योजना की मदद मिली और मशीनरी बिठाई गई। —सुषुमलता कुशवाहा, दावा पंचायत मुखिया

कपड़े के स्थान में पैड यूज कराना है उद्देश्य 

गांव की महिलाओं के इस कार्य के पीछे बहुत बड़ा उद्देश्य है। पहले से ही गांव की महिलाओं के बीच पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल होता आया है। इससे गांव भर में यूटरस से संबंधित बीमारियां बढ़ती चली गईं। ऐसे में महिलाओं ने सोचा कि पैड बनाया जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए। 

कौन-कौन है काम में 

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार पैड बनाने के इस काम में 9 महिलाएं और 1 पुरुष कार्यरत हैं। वहीं महिलाओं के इन पैड्स के पैकेट की कीमत काफी सस्ती है। 26 से 30 रुपए में ये पैड खरीदे जा सकतेे हैं। अभी फिलहाल ये गांव के आसपास और गांव की दुकानों में बेचे जा रहे हैं। 

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