Bihar Women Making Bangles From Liquor Bottles: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के बाद एक नया मामला सामने आ रहा है। बिहार में सरकार शराबबंदी के बावजूद मिलने वाली शराबों को नष्ट कर उनसे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रही है। बिहार की सरकार जीविका दीदियों के लिए रोजगार लाई है।
खबर के मुताबिक मद्य निषेध, उत्पाद, निबंधन और ग्रामीण विकास विभाग के प्रयास से पटना के सबलपुर की जीविका दीदियां शराब की शीशियों से जुड़े एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत जीविका दीदियां शराब की नष्ट बोतलों से कांच की चूड़ियां तैयार कर रही हैं। इस काम को पूरा करने के लिए बिहार की सरकार ने एक करोड़ रुपए का फंड दिया है।
मंत्री सुनील कुमार का था प्लान
इस कार्य को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए छ: महीने पहले मद्य निषेध, उत्पाद, निबंधन और ग्रामीण विकास मंत्री सुनील कुमार ने प्लान तैयार कर लिया था। इसके लिए बिहार में चूड़ी कारखाना खोला गया और जीविका दीदियों को इस कार्य की योजना के लिए तैयार किया गया। आज जीविका दीदी चूड़ियों को बनाकर अपने लिए रोजगार तैयार कर चुकी हैं। ये उनके लिए आजीविका का एक साधन बन रहा है। इसके साथ ही यह बिहार में शराब की बोतलों से जुड़ा चूड़ी बनाने का पहला कारखाना है।
फिरोजाबाद के करीगर कर रहे ट्रेन
शराब की बोतलों से चूड़िया तैयार करने के लिए फिरोजाबाद से कारीगर बुलाए गए हैं। योजना की शुरुआत 15 फरवरी से शुरू कर ली गई है। फिरोजाबाद से 14 कारीगर चूड़ियां बनाने के लिए लगाए गए हैं। ये कारीगर चूड़िया बनाने के साथ-साथ जीविका दीदियों को इससे जुड़ी ट्रेनिंग दे रहे हैं। लगभग डेढ़ सौ महिलाओं को इस कारखाने में काम देने का लक्ष्य रखा गया है।
पर्यावरण और कामगरों की है सुरक्षा
बिहार में बनाए गए इस कारखाने की क्षमता रोजाना 80 हजार चूड़ियों के उत्पादन की है। आंकड़ों की मानें तो अब तक छ: लाख से अधिक चूड़ियों का निर्माण कारखाने के जरिए किया जा चुका है। इसके साथ ही कारखाने को इस तरह बनाया गया है कि यह पर्यावरण और कामगरों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इसके लिए कारखाने में दो टन की क्षमता वाली गैस से चलने वाली भट्टी लगाई गई हैं।
ऑनलाइन बिक सकेंगी चूड़ियां
चूड़ियों का विपणन ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा। इसके साथ ही चूड़ियों के विपणन के लिए थोक और खुदरा व्यापारियों से संपर्क किया जाएगा। चूड़ियों के विपणन के लिए जीविका की ओर से संचालित ग्रामीण बाजार, सरस मेला, क्षेत्रीय बाजार, हाट और जीविका दीदियों की दुकान चुनी जा सकती हैं। बनाई जा रही चूड़ियों को जीविका अपने ई-पोर्टल www.shop.brips.in के जरिए भी बेच सकती है।