हिमा दास के जन्मदिन पर उनके जीवन के इंस्पायरिंग पल

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Swati Bundela
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पॉज़्नान ग्रैंड प्रिक्स में जीते पाँच गोल्ड मैडल


पिछले साल हुए पॉज़्नान एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में हिमा दास ने अलग -अलग रेस केटेगरी में पाँच गोल्ड मैडल जीते । हालांकि स्पॉन्डिलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से भी पीड़ित होने के कारण उन्होंने वर्ल्ड रीलेस में हिस्सा नहीं लिया था । फिर कुछ स्वस्थ होकर और उनकी हालत में सुधार आने के बाद वो बिलकुल अनस्टोप्पएबल बन गई और पॉज़्नान एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में पाँच गोल्ड मैडल जीतकर शानदार परफॉरमेंस दिया ।

कक्षा बारवीं की परीक्षा डिस्टिंक्शन से पास की


हिमा दास स्टार एथलीट तो हैं ही पर उन्हें पढ़ाई की वैल्यू भी बहुत अच्छे से पता है इसलिए इतने सारे मैचेस के बीच भी उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी है । पढ़ाई में अपनी योग्यता के बल पर उन्होंने डिस्टिंक्शन हासिल की । बारवीं क्लास में उन्होंने अपने एक्साम्स देकर एक नया मुकाम हासिल किया ।

कब की प्रजाति को हिमा दास के नाम पर रखा गया


बैंगलोर का एक ज़ू, प्रेरणादायक एथलीट हिमा दास को सम्मानित करना चाहता था । उन्होंने वहां के एक कब का नाम हिमा रखा. उन्होंने वहां के एक कब का नाम हिमा रखा। उनके अनुसार यह चिड़ियाघर में और ज़्यादा टूरिस्ट को आकर्षित करेगा। यह टाइगर कंज़र्वेशन के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा

फ़िनलैंड में राष्ट्रगान को दिलाया सम्मान


हिमा दास बहुत ही हम्बल बैकग्राउंड से आती हैं, वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं और असम के ढिंग शहर के पास कंधुलिमारी गाँव में पैदा हुई थीं और वहीं बड़ी हुई। पांच बच्चों में सबसे छोटी, यह 19 वर्षीय एथलीट वास्तव में फुटबॉल खेलने में रुचि रखती थी। वह पिछले साल फिनलैंड के टैम्पियर में आयोजित विश्व अंडर -20 चैंपियनशिप 2018 में 400 मीटर फाइनल जीतकर अपने रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन के साथ प्रसिद्धि के लिए बढ़ी। फिनलैंड में राष्ट्रगान के दौरान भावुक होने का उनका वीडियो वायरल हो गया।
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