Paris Olympics 2024: पेरिस ओलिंपिक में भारतीय बॉक्सर निशांत देव की हार ने जजों के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेक्सिको के मार्को वर्दे से 4-1 के विभाजित फैसले में मिली हार के बाद निशांत ने निराशा व्यक्त की है। 23 वर्षीय निशांत ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कोई नहीं जानता मैंने कितनी मेहनत की।"
निशांत देव का ओलिंपिक सपना बना दुःस्वप्न, फैसले पर मचा बवाल
निराश निशांत बोले - "सब कुछ छीन लिया गया"
उन्होंने लिखा, "हर दिन इस लक्ष्य की तरफ एक कदम था, हर त्याग मेरी प्रतिबद्धता का सबूत था। और एक क्रूर क्षण में, यह सब मुझसे छीन लिया गया। जजों के स्कोर सुनकर ऐसा लगा जैसे मेरे शरीर में कुछ नहीं बचा है। दर्द इतना तेज था कि लगा मैं इसे सह नहीं सकता।"
हालांकि, निशांत ने भरोसा जताया कि वह अपने सपने को फिर से पाने के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा, "मैं पदक से चूक गया हो सकता हूं, लेकिन मैंने एक नया जुनून हासिल कर लिया है। यह मेरे ओलिंपिक सपने का अंत नहीं है, यह एक ऐसा अध्याय है जो मेरी अंतिम जीत को और भी सार्थक बनाएगा।"
खेल जगत में हार का शोर
कई खिलाड़ियों ने पेरिस ओलिंपिक में जजों के फैसले पर सवाल उठाया है। पूर्व मुक्केबाज लैशराम सरिता देवी ने निशांत को हराया गया बताया। वहीं बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा, "मुझे नहीं पता स्कोरिंग सिस्टम क्या है, लेकिन मुझे लगता है यह बहुत करीबी मुकाबला था।"
सोशल मीडिया पर जगी गुस्से की लहर
सोशल मीडिया पर भी निशांत की हार को लेकर काफी गुस्सा है। अभिनेता रणदीप हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा, "निशांत ने जीता था... पदक से लूट लिया गया, लेकिन दिल जीत लिया।" अन्य यूजर्स ने भी निराशा जताई और जजों के फैसले को गलत बताया।
यह विवाद पेरिस ओलिंपिक बॉक्सिंग का दूसरा विवाद है। इससे पहले 31 जुलाई को महिलाओं के 66 किग्रा क्वार्टरफाइनल में अल्जीरियाई मुक्केबाज इमेन खलीफ के एक झटके से इटली की मुक्केबाज घायल हो गई थीं। इसके बाद खलीफ के लिंग परीक्षण को लेकर भी सवाल उठे थे।
क्या बदलेगा जजों का फैसला करने का तरीका?
निशांत देव की हार ने एक बार फिर खेलों में जजों के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या भविष्य में जजों के फैसले को लेकर कोई बदलाव आएगा, यह देखने का विषय है।