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बॉयज लॉकर रूम : क्या यही समाज का आइना है ?

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Swati Bundela
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बॉयज लॉकर रूम, दिल्ली के चैट ग्रुप का अभी 2 दिन पहले ही खुलासा हुआ जिसमे गैंग रेप जैसी घिनौने गुनाह को ग्लोरिफाय किया गया और भी कई घटिया बातें 14-15 साल की लड़कियों के लिए लिखी गयी हैं। उनकी इंस्टाग्राम पोस्ट्स और फोटोज को मॉर्फ़ किया गया, उनके लिए अपमानजनक कमेंट्स किये गए और उनका गैंग रेप करने की बात की गई।
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सोशल मीडिया यूज़र्स अब पुलिस से उन 15-16 साल के लड़कों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर रहे।

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लेकिन कुछ इन लड़कों के सपोर्ट में भी आगये। एक लड़का जो इस ग्रुप का मेंबर था उसने एक लंबा पब्लिक अपोलॉजी लेटर जारी किया है " मैं माफी मांगता हूँ। मैं नही चाहता कि कोई टेस्टोस्टेरोन फ़्यूल्ड फ़ैसले मेरे आगे की ज़िंदगी बर्बाद कर दें।" इन लड़को में से कुछ ने ये भी कहा कि वो ग्रुप के एक्टिव मेंबर नही थे और उन्होंने कुछ नही कहा। पर उन्हें पता होना चाहिए कि ग्रुप का मेंबर होना और उसमें इन बातों का विरोध ना करना और ना ही इस ग्रुप को रिपोर्ट करना उनको इस अपराध का बराबर हिस्सेदार बनाती हैं।



हमने कुछ महिलाओं से भी इसके बारे में बात की। एक लड़की जो कि इस ग्रुप के दो लड़कों की जानने वाली है ट्वीट कर के बताती हैं कि इस लॉकर रूम में 17-18 साल के लड़के घटिया बातें और मॉर्फ़ की हुई पिक्चर्स पर गन्दे कमेंट करते हैं।
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"मैं चिंतित हूँ"  यामिनी पुस्तके भालेराव कहती हैं। "ये लॉकर रूम की घटना हमें याद दिलाती है कि क्या हम अपने लड़कों को अच्छी परवरिश दे रहे हैं? कहाँ गलत हो रहे हैं हम? एक छोटी बच्ची की मां होने के नाते मुझे चिंता होती है कि वो किस तरह की दुनिया मे कदम रखने वाली है और ये दुनिया उससे भी खराब है जिस दुनिया में मैं पली बढ़ी। हम सभ्यता में पीछे जा रहे हैं।"
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मुझे सबसे ज़्यादा ये बात परेशान करती है कि ये सब 15 16 साल के लड़के हैं। मैं सोचती थी कि आने वाली पीढ़ी महिलाओ के लिए अच्छे विचार रखते हैं। कुछ भी नही बदला। लगता है ये पैट्रिआर्की के खिलाफ लड़ाई कई पीढ़ियों तक जारी रहेगी।" - सौम्या तिवारी



"लॉकर रूम की घटना ह्रदय दहला देने वाली है। कितनी घिनौनी बात है कि लड़के महिलाओ का ऑब्जेक्टिफिकेशन कर रहे हैं। साइबर सेफ्टी सेल को इस बारे में तहकीकात करनी चाहिए और जल्दी से जल्दी कंप्लेन रजिस्टर होनी चाहिए।" ये मानना है
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दिव्या रावत का।



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अनूषिका श्रीवास्तव कहती हैं कि लोग इसे प्रोब्लेमटिक नहीं मानते क्योकि ये बन्द दरवाजों के पीछे होरहा है पर ये ही रेप कल्चर की शुरुआत है। लड़कों के लिए भले ये मज़ेदार बात हो पर लड़कियों के लिए ये उनकी डिग्निटी का सवाल है। पर शायद हमारे लड़कों को ये सिखाया नही जाता। उनको सिर्फ लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई करना आता है। इस बार इन लड़को को सबक सिखाना ज़रूरी है।



इंस्टाग्राम इंडिया से कंप्लेन करने पर उन्होंने इस घटना को कंडेम्न किया है और लिखा है कि ये ग्रुप कम्यूनिटी गाइडलाइन्स के खिलाफ था और इस पर एक्शन लिया जाएगा।



पेरेंट्स को इससे सीख मिलनी चाहिए कि बच्चियों को आप ये मत बताइये की उन्हें अपने आप को कैसे सेफ रखना है बल्कि इस सोसाइटी को सेफ बनाइये दूसरो की बच्चियों के लिए।
#फेमिनिज्म
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