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Bride Calls Off Wedding After Groom Shows Up Drunk: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें बेंगलुरु की एक महिला को अपनी बेटी की शादी सिर्फ़ इसलिए रद्द करते हुए देखा जा सकता है क्योंकि दूल्हा नशे में धुत होकर शादी के मंडप पर पहुँचा था। वीडियो में दुल्हन की माँ का यह कहना, "अगर शादी से पहले ऐसा व्यवहार है, तो मेरी बेटी का भविष्य क्या होगा?" एक शक्तिशाली बयान है जो बदलते सामाजिक मूल्यों को दर्शाता है।
शराबी दूल्हे की वजह से दुल्हन की मां ने तोड़ी शादी, वायरल हुआ वीडियो
असहनीय व्यवहार, तत्काल कार्रवाई
रिपोर्टों के अनुसार, दूल्हा न केवल देर से पहुँचा, बल्कि उसने मंडप पर हंगामा भी किया और अनुचित व्यवहार किया। कथित तौर पर, उसने "मज़ाक में" आरती की थाली भी फेंक दी, जो दुल्हन के परिवार के लिए सहनशीलता की सीमा पार कर गया। इस घटना ने दुल्हन के परिवार को तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया।
बेंगलुरु में बारात को बेरंग लौटना पड़ा
— कलम की चोट (@kalamkeechot) January 9, 2025
कारण: दुल्हे एंव दोस्तों का शराब पीकर मनमानी करना, आरती की थाली फिल्मी तरीके उछालना, दूल्हे एंव दोस्तों को जो नशे में धूत थे, बड़े बाप की औलाद होने का गुरुर-घमंड, सब एक झटके में चकनाचूर हो गया। बारात को बिन फेरे लौटना पड़ा, लड़की की मांँ… pic.twitter.com/1jqdX5fyqP
एक और उदाहरण: राजस्थान की घटना
यह कोई पहली घटना नहीं है। 2022 में राजस्थान के चुरू जिले में भी इसी तरह की एक घटना सामने आई थी, जहाँ एक दुल्हन ने नशे में आए दूल्हे से शादी करने से इनकार कर दिया था और बाद में किसी और से शादी कर ली थी। ये घटनाएँ दिखाती हैं कि अब महिलाएं और उनके परिवार इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं।
एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत
भारतीय शादियों में इस तरह की घटनाएँ पहले भी होती रही हैं, लेकिन अब जो बदलाव देखने को मिल रहा है वह यह है कि महिलाएं और उनके परिवार खुलकर अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। दूल्हे का नशे में आना न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह उस विशेषाधिकार को भी दर्शाता है जो कुछ पुरुषों को समाज में प्राप्त है। उन्हें यह विश्वास होता है कि दूल्हा होने के नाते वे किसी भी तरह के व्यवहार के लिए जवाबदेह नहीं हैं।
मेरा मानना है कि ये घटनाएँ एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव का संकेत हैं। यह पितृसत्तात्मक सोच को चुनौती है और महिलाओं के आत्मसम्मान और अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह देखकर अच्छा लगता है कि महिलाएं अब चुप रहने के बजाय गलत के ख़िलाफ़ खड़ी हो रही हैं।
बेंगलुरु की घटना: एक शक्तिशाली संदेश
बेंगलुरु की घटना विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दुल्हन के परिवार की एक महिला ने अपनी बेटी के लिए कड़ा रुख अपनाया। यह उन सामाजिक दबावों को चुनौती देता है जो अक्सर महिलाओं को अनुचित व्यवहार के सामने चुप रहने के लिए मजबूर करते हैं, ख़ासकर शादियों जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर। यह घटना एक शक्तिशाली संदेश देती है कि अब महिलाएं और उनके परिवार अपनी गरिमा और अधिकारों को सर्वोपरि मानते हैं।