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बुलंदशाह का यह गैंगरेप जनवरी 2018 में हुआ था। इस केस को फैसला तीन साल बाद मिल पाया है। इस केस में एक माइनर लड़की इसके ट्यूशन जाते वक़्त किडनैप करली गयी थी। इसके बाद इसका रैप कर के इसकी हत्या कर दी गयी थी। इस लड़की की लाश बुलंदशाह की ही दादरी कैनाल के पास मिली थी।गैंगरेप करने वाले लोग लड़की के परिवार में से ही थे। इसका फैला POCSO कोर्ट के अंतर्गत आया है। यह केस लम्बे समय से चल रहा था और आखिर में बुलंदशाह के गैंगरेप केस में दोषियों को मिली फांसी की सजा।
इस घटना के चलते उत्तरप्रदेश में बहुत उथल पुथल हुआ था। कोर्ट के इस फैसले से लड़की के घर के सभी लोग बहुत खुश हैं।
इस से पहले एक और महत्वपूर्ण फैसला फरीदाबाद की अदालत ने सुनाया था। इस मामले में भी निकिता तोमर की हत्या के मामले में 3 में से दो को दोषी ठहराया गया था। जब निकिता तौमर केस को अदालत में लेकर गयी थी और तौसीफ नमक इंसान को दोषी ठहराया गया था तो तौसीफ ने दिन के उजाले में तोमर को गोली मार दी थी।
इस केस को मजबूत बनाने के लिए इस घटना का cctv फुटेज भी था। तौसीफ के साथ उसका फ्रेंड भी दोषी करार किया गया था जिसने तौसीफ की घटना के वक़्त मदद की थी ।
निकिता तोमर के केस में कोर्ट ने फैसला इसलिए इतनी तेज़ी से लिया क्योंकि घटना 2020 में हुई थी। इस केस की पहली सुनवाई पिछले साल दिसम्बर में हुई थी। लॉक डाउन और वायरस के चलते केस की अगली सुनवाई बहुत ज़्यादा देरी से हो पायी थी।
इस बुधवार को फैसला देने से पहले फरीदाबाद कोर्ट ने सोमवार को चार घंटे की और मंगलवार को आधे घंटे की सुनवाई की थी। मंगलवार को केस के दोनों तरफ के लोगों ने अपने आखिरी निष्कर्ष दिए थे।
इस घटना के चलते उत्तरप्रदेश में बहुत उथल पुथल हुआ था। कोर्ट के इस फैसले से लड़की के घर के सभी लोग बहुत खुश हैं।
फरीदाबाद केस
इस से पहले एक और महत्वपूर्ण फैसला फरीदाबाद की अदालत ने सुनाया था। इस मामले में भी निकिता तोमर की हत्या के मामले में 3 में से दो को दोषी ठहराया गया था। जब निकिता तौमर केस को अदालत में लेकर गयी थी और तौसीफ नमक इंसान को दोषी ठहराया गया था तो तौसीफ ने दिन के उजाले में तोमर को गोली मार दी थी।
इस केस को मजबूत बनाने के लिए इस घटना का cctv फुटेज भी था। तौसीफ के साथ उसका फ्रेंड भी दोषी करार किया गया था जिसने तौसीफ की घटना के वक़्त मदद की थी ।
फरीदाबाद कोर्ट का फैसला इतनी तेज़ी से क्यों आया ?
निकिता तोमर के केस में कोर्ट ने फैसला इसलिए इतनी तेज़ी से लिया क्योंकि घटना 2020 में हुई थी। इस केस की पहली सुनवाई पिछले साल दिसम्बर में हुई थी। लॉक डाउन और वायरस के चलते केस की अगली सुनवाई बहुत ज़्यादा देरी से हो पायी थी।
इस बुधवार को फैसला देने से पहले फरीदाबाद कोर्ट ने सोमवार को चार घंटे की और मंगलवार को आधे घंटे की सुनवाई की थी। मंगलवार को केस के दोनों तरफ के लोगों ने अपने आखिरी निष्कर्ष दिए थे।