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Bulli Bai App Case: बुल्ली बाई ऐप के क्रिएटर नीरज बिश्नोई को असम से गिरफ्तार किया

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Swati Bundela
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Bulli Bai App Case: बुल्ली बाई ऐप मामले में दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करी, आज असम से नीरज बिश्नोई नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया, कि वह इस ऐप का क्रिएटर है। गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट टीम ने की। आरोपी को दिल्ली लाया जा रहा है। 

Bulli Bai App Case: नीरज बिश्नोई इस ऐप का मेन क्रिएटर है

इस मामले में अब तक कुल चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। वर्चुअल नीलामी के लिए कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें उनकी सहमति के बिना ऐप पर अपलोड की गईं।

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"नीरज बिश्नोई, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट टीम ने असम से गिरफ्तार किया गया, गिटहब पर 'बुली बाई' का मेन साजिश करने वाला और क्रिएटर और ऐप का मेन ट्विटर होल्डर है। उसे दिल्ली लाया जा रहा है, ”डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा।

चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया

पुलिस ने बताया, कि 21 वर्षीय बिश्नोई असम के जोरहाट के दिगंबर इलाके का रहने वाला है और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल का बीटेक का छात्र है। इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है। मुंबई पुलिस ने इससे पहले बुधवार को मयंक रावल (21) और मंगलवार को श्वेता सिंह (19) को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था, जबकि इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा (21) को सोमवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। 

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इससे पहले पकड़े गए, पेहला आरोपी 21 वर्षीय मयंक रावत है। मुंबई साइबर पुलिस की तीन मेंबर टीम ने उसे पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार से गिरफ्तार किया। दूसरी, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की रहने वाली 18 वर्षीय श्वेता सिंह और इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा (21) को इससे पहले मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। इन्वेस्टिगेटर ने कहा, कि हिंदुत्व की आइडियोलॉजी में उनकी सेम इंटरस्ट के कारण दोनों सोशल मीडिया पर मिले और वेब पेज डाल दिए। तीसरा आरोपी, मुंबई पुलिस ने मंगलवार की देर रात उत्तराखंड से एक तीसरे आरोपी को उन वेब पेजों के सिलसिले में गिरफ्तार किया, जिन्होंने सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को "नीलामी" पर रखा।

2 जनवरी को मुंबई पुलिस ने पहली रिपोर्ट दर्ज की

2 जनवरी को ऐप के बारे में शिकायत मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज की, जिसके बाद इन्वेस्टिगेटर ने ऐप और ट्विटर हैंडल का टेक्निकल एनालिसिस शुरू किया। पुलिस ने दावा किया था, कि सोशल मीडिया पर ऐप की वेबसाइट को बढ़ावा देने के लिए ऐप के समान नाम वाला ट्विटर हैंडल बनाया गया था। बेंगलुरु के रहने वाले विशाल कुमार झा, इंजीनियरिंग सेकेंड ईयर के छात्र, हैंडल के पांच फॉलोअर्स में से एक थे।

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