नरेगा मजदूर से CEO तक: Rukmini Katara ने रचा इतिहास, पीएम मोदी कर चुके हैं सम्मानित

रुक्मिणी कटारा ने नरेगा मजदूरी से उठकर 3.5 करोड़ की सौर ऊर्जा कंपनी खड़ी की। आज वह 50 महिलाओं को रोजगार देने वाली एक सफल आदिवासी उद्यमी हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में अधिक-

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Priya Singh
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Rukmini Katara

Photograph: (News18)

Class 9 Dropout Tribal Woman Rukmini Katara Builds Rs 3.5 Crore Firm: कहते हैं कि अगर एक महिला कुछ करने का सोच ले तो फिर उसे कुछ भी रोक नहीं सकता है ऐसी ही एक महिला हैं राजस्थान की रुक्मिणी कटारा, जिन्होंने कभी नरेगा में मजदूरी की थी, आज 3.5 करोड़ रुपये की "दुर्गा सोलर कंपनी" की सीईओ हैं। सिर्फ 9वीं कक्षा तक पढ़ी रुक्मिणी 50 महिलाओं को रोजगार देती हैं और सौर उपकरण निर्माण में अग्रणी हैं। उनके इस प्रेरणादायक सफर को पहचान मिली जब 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली में सम्मानित किया।

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नरेगा मजदूर से CEO तक: रुक्मिणी कटारा ने रचा इतिहास, पीएम मोदी कर चुके हैं सम्मानित

खबरों के अनुसार राजस्थान के डूंगरपुर जिले के छोटे से गाँव माडवा खापरदा की रहने वाली रुक्मिणी कटारा कभी नरेगा मजदूर थीं। लेकिन आज, वह दुर्गा सोलर कंपनी की सीईओ हैं, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है। यह कंपनी, जिसे आधिकारिक तौर पर "डूंगरपुर रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड" के नाम से जाना जाता है, सौर लैंप, प्लेट और उपकरण निर्माण का कार्य करती है।

रुक्मिणी की जिंदगी में बदलाव तब आया जब उन्होंने राजीविका संस्था के माध्यम से एक स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सौर उपकरण बनाने की ट्रेनिंग ली। इस प्रशिक्षण ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी। धीरे-धीरे उन्होंने तकनीकी समझ, नेतृत्व और कारोबार के गुर सीखे और खुद की कंपनी खड़ी कर दी।

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महिलाओं को दिया रोजगार

आज रुक्मिणी की कंपनी में 50 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जिन्हें वह तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बना रही हैं। उनका कहना है, "मैंने सिर्फ 9वीं तक पढ़ाई की, लेकिन आज मैं कंपनी चला रही हूँ, तो दूसरी महिलाएं भी कर सकती हैं।"

पीएम मोदी ने किया सम्मानित

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2016 में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुक्मिणी को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। उन्होंने मंच से कहा, "कम पढ़ाई कभी भी महिला की तरक्की में रुकावट नहीं हो सकती।"

परिवार और समाज दोनों में प्रेरणा

रुक्मिणी अपने पति कमलेश और चार बच्चों के साथ सुखद जीवन जी रही हैं। उनके बच्चे भी उच्च शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। रुक्मिणी आज केवल एक सफल बिज़नेसवुमन नहीं, बल्कि हजारों महिलाओं की प्रेरणा बन चुकी हैं।

CEO Rukmini Katara