Sarojini Naidu: स्वतंत्रा संग्राम में, लेखन के क्षेत्र में और देश में राजनीतिक अधिकारी के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाली सरोजनी नायडू का आज जन्मदिन है। कवियित्री सरोजनी नायडू के जन्मदिवस के अवसर पर भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जाता है।
महात्मा गांधी ने दिया ‘नाइटेंगिल ऑफ़ इंडिया’ नाम
भारत को स्वतंत्रता दिलाने में एक मुख्य भूमिका निभाने वाली सरोजनी नायडू ने बहुत-सी कविताएं लिखी हैं। उनके इस लेखन कौशल को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें ‘नाइटेंगिल ऑफ़ इंडिया’ नाम से सम्मानित किया। तब से आज तक कवियित्रि सरोजनी नायडू को ‘भारत कोकिला’ कहा जाने लगा। कवियित्रि सरोजनी नायडू ने उत्कृष्ट पढ़ाई और ज्ञान के चलते भारत को एक पहचान दिलाने और भारत में अपनी पहचान के लिए अहम् भूमिका निभाई।
स्वतंत्रा संग्राम के प्रति प्रतिबद्ध सरोजनी नायडू ने हमेशा महिलाओं के हक़ के लिए लड़ा। उन्होंने क्विट इंडिया मूवमेंट और असहयोग आंदोलन जैसे आंदोलनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इन आंदोलनों को आगे बढ़ाया। 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में कवियित्री सरोजनी नायडू का जन्म हुआ। उनका जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। सरोजनी नायडू के पिता हैदराबाद के निज़ाम क़ॉलेज में प्रशासनिक सेवा पर थे वहीं उनकी माता एक नामी लेखिका थीं।
21 महीने गईं जेल
भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कवियित्री सरोजनी नायडू को ब्रिटिश गवर्नमेंट द्वारा 21 महीने की जेल भी हुई। उनके कौशल को देखते हुए उन्हें यूनाइटेड प्रोविंस यानि संयुक्त प्रांत का गवर्नर भी बनाया गया। तब यूनाइटेड प्रोविंस की कैपिटल लखनऊ हुआ करती थी।
आज उनके जन्मदिन के अवसर पर भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भारत में उन महिलाओं के लिए समर्पित किया जाता है जो प्रशासनिक सेवा, राजनीति, समाज सेवा, शिक्षण, चिकित्सा, कला और लेखन, विज्ञान और तकनीकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आकर देश सेवा के प्रति अपना सहयोग दे रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ऑफ़ीशियल ट्विटर हैंडल के जरिए कवियित्री सरोजनी नायडू को उनके जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, “सुप्रसिद्ध स्वाधीनता संग्राम सेनानी, महान समाज सेविका, उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल, 'भारत कोकिला' सरोजिनी नायडू को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि! राष्ट्रीय पुनर्निर्माण को समर्पित रहा उनका संघर्षमय जीवन अनुकरणीय है।”
कवियित्री सरोजनी नायडू को शिक्षण क्षेत्र, समाज सेवा, राजनीतिक सेवा और स्वतंत्रा में एक अहम् योगदान देने के प्रति देश में हमेशा सम्मानीय स्थान मिलता है। उनकी इस अतुलनीय प्रतिबद्धता के चलते और उन्हें अन्य महिलाओं को प्रेरणा देने के लिए देश में आज का दिन राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा।