दया का काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस अच्छा होता है। जिस समय में हम आपस में धर्म, पैसे और स्टेटस को लेकर इतनी लड़ाइयां और इर्षा देख रहे हैं उसी समय में कुछ अच्छे लोग भी हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक पुलिस अफसर की कहानी बताएंगे जिनकी नेक काम की कहानी सुनकर आपका दिल खुश हो जाएगा।
कौन हैं मनदीप एस सिद्धू?
पंजाब के संगरूर डिस्ट्रिक्ट में रहने वाले एक पुलिस अफसर जिनका नाम मनदीप सिद्धू है किसानों की बेटियों को पढ़ाने का काम करते हैं। यह सीनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस हैं और इन्होंने हाल में ही बताया है कि यह अपनी सैलरी का हिस्सा किसानों की बेटियों को पढ़ाने के लिए देंगे। यह उन किसानों की बच्चियों को पढ़ाएंगे जो कि सुसाइड के कारण अर्थित दवाब में आकर सुसाइड करने से मरे हैं।
ANI में एक इंटरव्यू के दौरान इन्होंने कहा "एक छोटे से मदद के तरीके से मैं उन किसानों की बेटियों की मदद करूँगा जिनके पिता अर्थित दवाब में आकर अपनी जान ले बैठे। इन्होंने कहा कि यह अपनी पहली सैलरी से 51,000 रूपए और उसके बाद हर महीने 21,000 रूपए इन बच्चियों को देंगे जब तक यह संगरूर में पोस्टेड हैं।
मनदीप यहाँ तीसरी बार पोस्ट हुए हैं और इसलिए इन्होंने इस बार कुछ अच्छा करने का सोचा। इन्होंने यहाँ बड़ा कदम "पढ़ता पंजाब" के अंतर्गत उठाया है। संगरूर पंजाब के सबसे ज्यादा धान का खेती करने वाले व्यक्ति हैं।
मनदीप एस सिद्धू इस पहल को लेकर क्या कहा?
इन्होंने कहा "मैं एक किसान का बेटा हूँ और मुझे लगता है जिन किसान ने पैसों के कारण अपनी जान गवाई उनकी बच्चियों को पढ़ने का हक़ है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं सोचा था लेकिन जब मैं तीसरी बार यहाँ पोस्ट हुआ तब मेरे मन में यह ख्याल आया।"
पुलिस अफसर मनदीप ने कहा कि इनकी इस खबर को सुनने के बाद कई इंडस्ट्रियलिस्ट सामने आये और खूब पैसे दिए जैसे कि 21 और 26 लाख। यह अच्छी पहल उन लड़कियों के लिए मददगार होगी जो कि कक्षा 9 से 12 में हैं। ऐसा धूरी के 13 सरकारी स्कूल में फ़िलहाल किया जा रहा है।
साल 2020 में एक्सीडेंटल डॉट्स और सुसाइड के डाटा के मुताबित 5,567 लोग सुसाइड से मरे और इन में से 174 किसान पंजाब के थे ।