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Crimes Against Women In 2022: आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं

पीटीआई द्वारा जुटाए गए कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले 2022 में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की लगभग 31000 शिकायतें मिली। जानें पूरी खबर इस न्यूज़ ब्लॉग में-

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Vaishali Garg
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Crimes against women in 2022

Crimes Against Women In 2022: भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध पहले की तुलना में तेज गति से बढ़ रहे हैं, राष्ट्रीय महिला आयोग की नवीनतम रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि की गई है एनसीडब्ल्यू ने एक बयान जारी कर यह खुलासा किया है कि इसने देश भर की महिलाओं को अपने घरों और वातावरण में होने वाली हिंसा के बारे में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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भारत में राष्ट्रीय महिला आयोग एनसीडब्ल्यू के अनुसार संगठन को 2022 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों से संबंधित 30,000 से अधिक शिकायतें मिली, जो 2014 के बाद से सबसे अधिक है। एनसीडब्ल्यू के अनुसार इनमें से अधिकांश शिकायतें भावनात्मक रूप से संबंधित थी और घरेलू हिंसा तथा दुष्प्रभाव से भी संबंधित थी।

Crimes Against Women In 2022

पीटीआई द्वारा जुटाए गए कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि अकेले 2022 में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की लगभग 31000 शिकायतें मिली। कुल 30957 शिकायतों में से सबसे अधिक मामले सम्मान के साथ जीने के अधिकार से जुड़े हुए हैं। सम्मान और गरिमा के साथ जीने के अधिकार की मांग करने वाली महिलाओं की कुल 9710 शिकायतें दर्ज की गई जिसमें से सभी में वर्षों से उनके द्वारा चले गए भावनात्मक शोषण ध्यान में रखा गया है। अगली खेप में कुल 6970 मामलों के साथ घरेलू हिंसा की शिकायतें शामिल थी।

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आपको बता दें चौंकाने वाली बात यह है कि देश में दहेज उत्पीड़न की शिकायत बढ़ती गई। कुल 4600 महिलाएं एनएसडब्ल्यू के साथ अपनी आपबीती दर्ज कराने के लिए आगे आए 2021 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कुल शिकायतें 30864 दर्ज की गई थी।

सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं हैं

राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज कुल मामलों में से कुल 16872 यानी कि 55.5% शिकायतें उत्तर प्रदेश की हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2022 में उत्तर प्रदेश में लिंग आधारित हिंसा की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई दिल्ली में 3007 शिकायतें दर्ज करने के बाद राजधानी में यूपी का स्थान रहा है महाराष्ट्र में 1381 मामले और बिहार और हरियाणा में 1368और 1362 शिकायतें प्राप्त की। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी से ज्यादातर शिकायतें घरेलू हिंसा और भावनात्मक शोषण से बची महिलाओं की थी।

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2014 के बाद से 2022 में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज

पिछले वर्षों के आंकड़ों की तुलना करने पर यह पता चला कि पिछले वर्ष में प्राप्त शिकायतें 2014 के बाद से अधिक थी। 2014 में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गई थी जब संगठन को कुल 33906 शिकायतें मिली थी।

2500 से अधिक शिकायतें छेड़छाड़ के अपराध के अधीन थी 15 सौ से अधिक शिकायतें बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की थी, 15 सौ से अधिक महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता से संबंधित थी। देश में लगभग 1000 मामले ऐसे थे जो साइबर अपराधों के अधीन थे। बात करते हैं पिछले 3 सालों की पैटर्न दिखाते हैं कि यह महामारी के दौरान कैसा था जब हमने लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि देखी और रिपोर्टों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान भी बहुत सारे मामले ऑनलाइन दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकांश मामले घरेलू हिंसा के थे।

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