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Deepika Kumari : रिक्शे वाले की बेटी दीपिका कुमारी बनी ओलम्पिक में भारत की नई उम्मीद

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Swati Bundela
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कौन है दीपिका कुमारी ?


दीपिका कुमारी भारत से दुनिया भर की सबसे सर्वश्रेष्ठ आर्चरी चैंपियन के तौर पर अपनी जगह बनाते हुए फिर से इस साल टोक्यो ओलंपिक में भारत का नाम दोबारा रोशन करने वाली है।
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दीपिका कुमारी पहली भारतीय महिला होंगी जो टोक्यो ओलंपिक में एक तीरंदाज के तौर पर दिखेंगी। उन्होंने पिछले महीने वर्ल्ड कप स्टेज 3 पर गोल्ड मेडल्स की हैट्रिक बनाई थी।

प्रेरणादायक है दीपिका की कहानी

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दीपिका का जन्म गांव राम चट्टी में हुआ जहां उनके पिता शिव आंत महत्व एक ऑटो ड्राइवर और गीता महत्व जो रांची मेडिकल कॉलेज में नर्स की तौर पर काम करती हैं, ने दीपिका को हमेशा से ही आगे बढ़ाने की हमेशा कोशिश की है।

दीपिका की एक बहन ने उन्हें आर्चरी अकादमी को ज्वाइन करने के लिए कहा तो उन्होंने वो
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ज्वाइन की और 12 वर्ष की उम्र में ही घर छोड़ दिया। वहीं उनके माता पिता उनके चाचा चाची के साथ एक ही घर में रहते थे जिसके कारण घर में पैसों को लेकर हमेशा चिक चिक रहती थी। दीपिका ने इन सब हालातों को देखते हुए अपने मां बाप की मदद के लिए घर छोड़ कर अकादमी में ज्वाइन किया।

"मैने सोचा, में चली जाऊंगी घर से बाहर तो कम से कम एक का भार तो कम हो जाएगा", दीपिका ने बताया।
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"मैं शुरुआत में आर्चरी में दिलचस्पी नहीं रखती थी। मुझ स्पोर्ट्स देखना पसंद था इसलिए मैं। इसे बस देखा करती थी। मेरे चचेरे भाई बहन ये खेल खेला करते थे। फिर धीरे धीरे इसको देखते देखते इसमें मेरा इंटरेस्ट बदहा और मैंने प्रैक्टिस करना शुरू कर दी।", उन्होंने ये बात शी डेयर्ड किताब में बताई थी जिसमें कई भारतीय स्पोर्ट्स विमेन की प्रेरणादायक कहानियां हैं।
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दीपिका कुमारी ने 2009 से आर्चरी में अपना नाम कमाया है और ये अभी तक जारी है। दीपिका को अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा गया है जो देश का दूसरा ख्याति वाला स्पोर्ट्स अवार्ड है। उन्होंने पद्मा श्री अवार्ड भी हासिल किया।

आने वाले
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टोक्यो ओलंपिक में दीपिका फिर से भारत की नई उम्मीद बनी हैं जिसके चलते हर किसी की उम्मीदें उनसे और भी ज्यादा बढ़ गई हैं।
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