Acid Attack: महिलाओं पर तेजाब से हमला(Acid Attack) करना सबसे हॉरिफियिंग अपराध है। यह सिर्फ चेहरे का दाग नहीं है बल्कि यह जिंदगी भर के लिए एक निशान है। एसिड के मामलेआए दिन बढ़ रहे हैं, खासकर भारत की राजधानी दिल्ली में।
Acid Attack: 17 साल की लड़की के ऊपर दिल्ली के एक लड़के ने फेंका तेजाब
आज दिल्ली के द्वारका इलाके में एक बाइक सवार दो युवकों ने एक 17 वर्षीय लड़की पर एसिड अटैक का मामला सामने आया। यह पूरा घटनाक्रम इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। फुटेज में दिख रहा है कि दो लड़कियां सड़क किनारे चल रही हैं तभी बाइक पर सवार लोगों की गति धीमी हो जाती है और उनमें से एक सवार लड़की पर कोई तरल पदार्थ फेंक दिया जाता है। लड़की अपने चेहरे को छूती है, डरावनी और दर्द भरी आवाज़ में चिल्लाती है। जानकारी के अनुसार घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे की है। दिल्ली पुलिस के अनुसार पीएस मोहन गार्डन इलाके में एक लड़की पर एसिड हमले की घटना के संबंध में फोन कॉल सुबह करीब नौ बजे आया।
Acid Attack: लड़की की हालत है गंभीर
गंभीर रूप से घायल लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आपको बता दें बच्ची को इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया है। लड़की के पिता ने मीडिया से बात की और बताया कि उसके चेहरे पर तेजाब फेंका गया है जो उसकी आंखों में भी चला गया और अब उसकी हालत बहुत गंभीर है। आगे लड़की के पिता ने बताया, "मेरी बेटियां, एक 17 साल की और दूसरी 13 साल की आज सुबह एक साथ बाहर थीं। अचानक बाइक सवार दो लोगों ने मेरी बड़ी बेटी पर तेजाब फेंक दिया और वहां से भाग गया। लड़कों ने अपने चेहरे ढके हुए थे। हमारी छोटी बेटी दौड़कर घर आई और कहा कि उसकी बहन पर तेजाब फेंका गया है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारी अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने अब तक कहा है कि लड़की ने दो संदिग्धों की पहचान की है और उनमें से एक व्यक्ती को हिरासत में लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ओवर-द-काउंटर एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, भारत में एसिड हमले अभी भी अधिक मात्रा में मौजूद हैं। दिस वीक इन एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 250-300 एसिड हमले होते हैं। आपको बता दें यह आंकड़े सटीक नहीं हैं क्योंकि कुछ मामलों की रिपोर्ट नहीं की जाती है।
Supreme Court ने एसिड अटैक को एक आपराधिक अपराध बताया है और फैसला सुनाया कि पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा उपचार और न्यूनतम 3,00,000 रुपये का मुआवजा मिलना ही चाहिए। लेकिन केवल मुआवजा एक बड़े अच्छे के लिए नहीं हो सका। हमेशा के लिए एक महिला के जीवन को बर्बाद कर समाज में हमले अभी भी प्रचलित हैं।