/hindi/media/media_files/2025/01/29/pGCFOwl8R1gh0osF2FWR.png)
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बार महिलाओं की भागीदारी पहले से अधिक देखने को मिल रही है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा, जबकि नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
पिछले चुनाव में 79 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें से 8 को आम आदमी पार्टी (AAP) से जीत मिली थी। इस बार, तीनों प्रमुख पार्टियों—भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (INC)—ने महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाई है। बीजेपी और आप ने 9-9 महिला उम्मीदवार उतारी हैं, जबकि कांग्रेस ने 7 महिलाओं को टिकट दिया है। आइए जानते हैं इन प्रमुख महिला उम्मीदवारों के बारे में।
आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रमुख महिला उम्मीदवारें
1. आतिशी (कैलाश कॉलोनी)
दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं, जो इस बार भी कैलाश कॉलोनी से चुनाव लड़ रही हैं। 2020 में उन्होंने 55,897 वोटों से जीत दर्ज की थी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई करने वाली आतिशी के पास 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति है और उन पर एक आपराधिक मामला दर्ज है।
2. राखी बिड़ला (मंगोलपुरी - SC सीट)
राखी बिड़ला, जिन्होंने मंगोलपुरी सीट से 74,154 वोटों से जीत दर्ज की थी, एक बार फिर इस सीट से उम्मीदवार हैं। उन्होंने गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उनके पास 76,421 रुपये की संपत्ति है और एक आपराधिक मामला दर्ज है।
3. राजकुमारी ढिल्लों (हरिनगर)
राजकुमारी ढिल्लों ने 2020 में हरिनगर सीट से 58,087 वोटों से जीत दर्ज की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाली ढिल्लों के पास 48 करोड़ रुपये की संपत्ति और 20 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं।
4. बंदना कुमारी (शालीमार बाग)
बंदना कुमारी ने शालीमार बाग से 57,707 वोटों से जीत दर्ज की थी। बीआर आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर से ग्रेजुएट बंदना कुमारी की संपत्ति 9.22 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वे दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं।
5. प्रीति तोमर (त्रि नगर)
त्रि नगर सीट से प्रीति तोमर ने 58,504 वोटों से जीत दर्ज की थी। वे मेरठ यूनिवर्सिटी से MSc और B.Ed कर चुकी हैं। उनकी संपत्ति 1.93 करोड़ रुपये है और उन पर 1.91 लाख रुपये की देनदारी है।
6. भावना गौड़ (पालम)
पालम सीट से चुनाव लड़ रही भावना गौड़ ने पिछली बार 92,775 वोटों से जीत दर्ज की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से BA और महार्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से B.Ed करने वाली भावना की संपत्ति 14.27 लाख रुपये है।
7. प्रमिला टोकस (आर के पुरम)
प्रमिला टोकस, जो इस बार भी आर के पुरम सीट से उम्मीदवार हैं, ने पिछले चुनाव में 47,208 वोट प्राप्त किए थे। उनके खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनकी कुल संपत्ति 80.88 करोड़ रुपये है।
8. धनवती चंदेला (राजौरी गार्डन)
धनवती चंदेला ने राजौरी गार्डन से 62,212 वोटों से जीत दर्ज की थी। उनकी संपत्ति 56.90 करोड़ रुपये है और उन पर 98 लाख रुपये की देनदारी है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रमुख महिला उम्मीदवारें
1. शिखा राय (ग्रेटर कैलाश)
शिखा राय इस बार ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। उनके पास 6.38 करोड़ रुपये की संपत्ति है और 32.65 लाख रुपये की देनदारी है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से LL.B. किया है।
कांग्रेस (INC) की प्रमुख महिला उम्मीदवारें
1. अलका लांबा (कैलाश कॉलोनी)
अलका लांबा इस बार आम आदमी पार्टी की आतिशी के खिलाफ कैलाश कॉलोनी से चुनाव लड़ रही हैं। NSUI की छात्रनेता से राजनीति में आईं अलका लांबा पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। हालांकि, पिछली बार वे चांदनी चौक से चुनाव हार गई थीं।
2. अरीबा खान (ओखला)
31 वर्षीय अरीबा खान कांग्रेस की सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक हैं और इस बार ओखला सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रही हैं। उनके पिता आसिफ मोहम्मद खान भी राजनीति में एक चर्चित नाम हैं।
महिला उम्मीदवारों की बढ़ती भागीदारी
दिल्ली चुनाव 2025 में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी साफ दिख रही है। जहां पहले राजनीति को पुरुष प्रधान माना जाता था, अब महिलाएं भी इसमें अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी—सभी दलों ने इस बार महिलाओं को पहले से ज्यादा टिकट दिए हैं।
इन चुनावों में महिलाओं की जीत और उनके प्रभाव को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है। 5 फरवरी को होने वाले मतदान में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना नेता चुनती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 महिला नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इन चुनावों में महिलाओं की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि वे अब राजनीति में पीछे नहीं, बल्कि आगे आ रही हैं। इस बार के चुनावी नतीजे यह तय करेंगे कि क्या महिला उम्मीदवार अपनी संख्या के साथ-साथ सत्ता में भी अपनी भागीदारी बढ़ा पाएंगी।
क्या आपको लगता है कि इस बार महिलाओं को पहले से ज्यादासीटें मिलेंगी? कमेंट में अपनी राय जरूर दें