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Delta Plus Variant Update - इंडिया में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केसेस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये 50 से पार हो चुके हैं और 12 स्टेट्स में फेल चुका है। महाराष्ट्र में तो इसके कारण पहली मौत भी हो चुकी है। एक 80 साल की महिला जो कि रत्नागिरी डिस्ट्रिक्ट से थी डेल्टा प्लस किए चपेट में आकर अपनी जान गवा बैठी।
सबसे ज्यादा डेल्टा प्लस वैरिएंट के केसेस महाराष्ट में रिकॉर्ड किए जा रहे हैं उसके बाद तमिल नाडु, मध्य प्रदेश, केरला, पंजाब और गुजरात। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने B.1.617.2 स्ट्रेन को SARS-CoV-2 के ‘डेल्टा’ संस्करण के रूप में टैग किया था। लेकिन अब डेल्टा वेरिएंट का नया रूप सामने आया है और यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोरोनोवायरस वेरिएंट पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 जून तक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के भारत के 6 मामलों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य एजेंसी ने डेल्टा वेरिएंट के K417N म्यूटेशन के साथ कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।
दिल्ली बेस्ट साइंटिस्ट विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि यह वायरस हमारे शरीर में जाकर हमारे ह्यूमन सेल्स को संक्रमित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “इस समय भारत में K417N का वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी अधिक नहीं है। ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं। ”
डॉ विनोद स्कारिया के अनुसार K417N मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Casirivimab और Imdevimab का असर कम कर सकता हैं। कोविड-19 के इलाज के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है ।
इंडिया में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केसेस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये 50 से पार हो चुके हैं और 12 स्टेट्स में फेल चूका है। महाराष्ट्र में तो इसके कारण पहली मौत भी हो चुकी है। एक 80 साल की महिला जो कि रत्नागिरी डिस्ट्रिक्ट से थी डेल्टा प्लस किए चपेट में आकर अपनी जान गवा बैठी।
सबसे ज्यादा डेल्टा प्लस वैरिएंट के केसेस महाराष्ट में रिकॉर्ड किए जा रहे हैं उसके बाद तमिल नाडु, मध्य प्रदेश, केरला, पंजाब और गुजरात। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने B.1.617.2 स्ट्रेन को SARS-CoV-2 के ‘डेल्टा’ संस्करण के रूप में टैग किया था। लेकिन अब डेल्टा वेरिएंट का नया रूप सामने आया है और यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट क्यों है खतरनाक ?
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोरोनोवायरस वेरिएंट पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 जून तक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के भारत के 6 मामलों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य एजेंसी ने डेल्टा वेरिएंट के K417N म्यूटेशन के साथ कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।
दिल्ली बेस्ट साइंटिस्ट विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि यह वायरस हमारे शरीर में जाकर हमारे ह्यूमन सेल्स को संक्रमित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “इस समय भारत में K417N का वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी अधिक नहीं है। ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं। ”
वेरिएंट का कोरोना वैक्सीन पर क्या असर है ?
डॉ विनोद स्कारिया के अनुसार K417N मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Casirivimab और Imdevimab का असर कम कर सकता हैं। कोविड-19 के इलाज के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है ।
इंडिया में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केसेस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये 50 से पार हो चुके हैं और 12 स्टेट्स में फेल चूका है। महाराष्ट्र में तो इसके कारण पहली मौत भी हो चुकी है। एक 80 साल की महिला जो कि रत्नागिरी डिस्ट्रिक्ट से थी डेल्टा प्लस किए चपेट में आकर अपनी जान गवा बैठी।