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अनुष्का स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित रही हैं, जो एक जेनेटिक बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी में मोटर नर्व सेल्स को प्रभावित करती है। इसमें रोगी को चलने-फिरने समेत दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे कि सांस लेना, लंबे समय तक बैठना और यहां तक कि लिखना भी। इसलिए, बोर्ड परीक्षा के लिए पढ़ना और एक्जाम मेें लंबे समय तक लिखना उसके लिए एक बड़ी चुनौती थी।
अनुष्का ने 95.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किये
अनुष्का की माँ ने बताया कि अनुष्का आधे घंटे से ज्यादा बैठ नही पाती है। उसकी रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है जिसके चलते उसे बहुत परेशानी आती है पढ़ने में लेकिन अनुष्का ने इस सब से ऊपर हो यह मुकाम हासिल किया है। अनुष्का बुक्स नही उठा पाती है। इसके लिए उसको आईपैड पर ही सब करना पड़ता है।
अनुष्का सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हैं
अनुष्का के पिता अनूप कुमार पांडा ने कहा, 'मुझे मेरी बेटी पर गर्व है। बोर्ड परीक्षा में उसका बेहतरीन प्रदर्शन उसकी कंसिस्टेंसी और हार्डवर्क की वजह से है'। अनुष्का के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हैं और Google के साथ काम करना चाहती हैं।अनुष्का को शतरंज खेलना पसंद है।
व्हीलचेयर पर होने के बावजूद अनुष्का ने यह सफलता हासिल की। अनुष्का ने कहा, मैं पहले दिन से ही अपनी पढ़ाई में कंसिस्टेंट थी। मैं अपने विद्यालय को धन्यवाद देती हूं, जिसने मेरी काफी मदद की। मैं दिव्यांग हूं, इसलिए मेरे विद्यालय ने यह सुनिश्चित किया कि मुझे परीक्षा में लिखने के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएं।
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