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21 वर्ष की दिशा रवि को बेंगलुरु पुलिस की एक टीम ने शनिवार को अरेस्ट किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने उस टूलकिट को डिस्ट्रीब्यूट किया जो स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा लीड की जा रही थी। उसे लोग ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट भी कह रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वो टूलकिट भारत में चल रहे किसान आंदोलन को सपोर्ट करने के लिए बनाई गयी है.
इनके बारे में 5 चीज़ें जानें
1 दिशा "Fridays For Future India" आर्गेनाईजेशन की फाउंडिंग मेंबर हैं। ये मूवमेंट अगस्त 2018 में शुरू हुई थी.
2. वो क्लाइमेट क्राइसिस के मुद्दे पर अक्सर आवाज़ उठाती हैं।
3. इस ग्रुप में बहुत से कॉलेज स्टूडेंट्स और यंग वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं जो क्लाइमेट क्राइसिस के मुद्दे पर आवाज़ उठाते हैं और लीडर्स को हल निकालने की डिमांड करते हैं।
4. वो बहुत से यूथ क्लाइमेट एडिटोरिअल्स भी लिखती हैं। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन माउंट कार्मेल कॉलेज से की
5. इस समय वे गुड मिल्क (Good Mylk) नाम की एक प्लांट बेस्ड फ़ूड कंपनी के साथ काम कर रही हैं
6. उन पर आरोप है कि उन्होंने उस टूलकिट को डिस्ट्रीब्यूट किया जो स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा लीड की जा रही थी। पुलिस को लगता है कि रवि इस टूलकिट प्लान का हिस्सा थी. दिशा पर आरोप है कि उस टूलकिट को दिशा ने भी एडिट किया था। दिशा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ दो वाक्य एडिट करे थे.
3 फरवरी को क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ने "टूलकिट" को एक डॉक्यूमेंट के रूप में ट्वीट किया, जिसमें भारत सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध को समर्थन देने के बारे में जानकारी थी। वह कई ग्लोबल इकॉन्स में से एक थीं, जिन्होंने भारत के किसान विरोध पर बात की थी।