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Divorce In India: भारत में इन कानूनी कारणों से आसानी से मिलेगा तलाक

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Swati Bundela
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शादी को लेकर महिलाओं पर कितनी जिम्मेदारियां होती हैं ये तो हम देखते ही हैं, लेकिन बदकिस्मती से भारत उन देशों में से एक है जहां शादी में त्याग करना और खराब रिश्ते को भी चलाना सिखाया जाता है। शादी और तलाक दोनों ही बहुत मुश्किल होते हैं। यहां पर कई ऐसे परिवार देखने को मिल जाएंगे जो अपनी जिंदगी में परेशान बहुत हैं, लेकिन लोक-लाज के डर से या फिर कानूनी परेशानियों के डर से तलाक के बारे में नहीं सोचते हैं। 

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Divorce In India Due To Legal Reason 

एक अच्छी शादी को तोड़ना सही नहीं, लेकिन एक खराब रिश्ते को निभाते रहना और परेशानी सहते रहना भी ठीक नहीं। भारत में जब भी तलाक की बात आती है तो सिर्फ सामाजिक समस्याएं ही नहीं बल्कि कानूनी दांवपेच भी देखे जाते हैं। कई सारे कानून ध्यान रखे जाते हैं और कई बार हम ध्यान देते हैं कि तलाक के मामले में किसी बचकानेपन से कारण को बताया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लीगल ग्राउंड्स कौन से हैं जिनके कारण आप तलाक ले सकते हैं?

चलिए आपको आज उनके बारे में ही बताते हैं कि लीगली तलाक लेना किन कारणों से आसान है।

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भारत में इन कानूनी कारणों से आसानी से मिलेगा तलाक 

1. अडल्ट्री उर्फ व्यभिचार

भारत में अडल्टी या पति/पत्नी के साथ संबंध स्थापित होने लगे। आप भारत वर्ष 1955 के दौरान 13 (1)(i) फाइल कर सकते हैं। शारीरिक रूप से स्थापित होने वाला व्यक्ति भी।

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2. वोइलेंस 

अधिकतर घरेलू हिंसा की बात होते ही पत्नी का ध्यान आता है, लेकिन असल में ये दोनों के लिए ही है। पति-पत्नी दोनों ही इस कारण से तलाक फाइल कर सकते हैं। इसके लिए डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट का सहारा लिया जा सकता है। 

3. सेपरेशन या अलगाव 

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अगर किसी का पति या पत्नी शादी के बाद भी अपने पार्टनर के साथ नहीं रहता है या उसे छोड़ देता है तो desertion के तहत उसे तलाक लेने का पूरा हक है। ये सेक्शन 13(1)(ib) के अंतर्गत आता है। 

4. अस्वस्थ दिमाग

इनसैनिटी या दिमागी विकार के आधार पर भारत में तलाक लेना मान्य है। अगर किसी के पति या पत्नी की दिमागी हालत सही नहीं है तो वो सेक्शन 13(1)(iii) के तहत तलाक के लिए अप्लाई कर सकता है। इसे तलाक लेने के लिए सही कारण माना जाएगा। मानसिक तनाव देना या प्रताड़ना के अंतर्गत भी तलाक लिया जा सकता है। 

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5. स्प्लिट पर्सनैलिटी

अगर कोई इंसान स्प्लिट पर्सनैलिटी या ऐसी किसी गंभीर साइकोलॉजिकल समस्या से गुजर रहा है तो वो भी तलाक ले सकता है। इसके लिए भी वही धारा लगेगी जो अस्वस्थ दिमाग के समय लगी थी। सेक्शन 13(1)(iii) मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ही बात करता है। 

6. सेक्सुअल इन्फेक्शन 

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मैरिज एक्ट के सेक्शन 13(1)(V) के तहत अगर किसी के पति या पत्नी को कोई यौन संक्रमण है तो वो तलाक के लिए अप्लाई कर सकता है। ऐसी बीमारी जो ना सिर्फ आपके पार्टनर को है बल्कि आपको भी हो सकती है और आपके लिए खतरा बन सकती है वो सभी इसके अंतर्गत आती हैं। 

इसके अलावा भी कई ऐसे लीगल कारण हैं जिन्हें तलाक के लिए वैध माना जा सकता है। ऐसे में आपका वकील आपके निजी मामले के हिसाब से आपको सलाह दे सकता है। 

Divorce divorce laws in hindi
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