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Photograph: (@ieepsu, Instagram)
दिव्या त्यागी, जो अमेरिका की पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, ने एक सदी पुरानी गणितीय समस्या का समाधान निकालकर इतिहास रच दिया है। यह खोज न केवल गणित के क्षेत्र में बल्कि पवन ऊर्जा उत्पादन को किफायती और अधिक प्रभावी बनाने में भी मदद कर सकती है। उनकी यह उपलब्धि Wind Energy Science जर्नल में प्रकाशित हुई है, जिससे उनके शोध को वैश्विक मान्यता मिली है।
100 साल पुरानी गणितीय समस्या हल करने वाली दिव्या त्यागी कौन हैं?
दिव्या त्यागी की खोज ने कैसे हल किया 100 साल पुराना रहस्य?
दिव्या त्यागी की यह गणितीय खोज एयरोडायनामिक्स (वायुगतिकी) में शोध को नया दृष्टिकोण देती है। उनकी स्टडी प्रसिद्ध गणितज्ञ हर्मन ग्लॉर्ट (Hermann Glauert) द्वारा दी गई 'Optimum Rotor Disc Solution Addendum' पर आधारित है, जो पवन टरबाइन के प्रदर्शन को अधिकतम करने के लिए आदर्श प्रवाह स्थितियों (optimal flow conditions) का विश्लेषण करता है।
उनके प्रोफेसर और शोध सह-लेखक स्वेन श्मिट्ज़ (Sven Schmitz, PhD) के अनुसार, ग्लॉर्ट की गणना में कई जटिलताएँ थीं और कुछ महत्वपूर्ण चरण गायब थे। यहीं पर दिव्या ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और कैल्कुलस ऑफ़ वेरिएशन्स (Calculus of Variations) की मदद से एक नया समाधान विकसित किया।
यह खोज पवन ऊर्जा उत्पादन में कैसे मदद करेगी?
दिव्या के अनुसार, उनके शोध से पवन टरबाइनों की ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है और लागत घट सकती है। उनका मानना है कि यदि शक्ति गुणांक (power coefficient) में केवल 1% की वृद्धि भी हो जाए, तो इससे एक पूरी कॉलोनी के लिए पर्याप्त बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
उनके प्रोफेसर श्मिट्ज़ का कहना है,
"मुझे लगता है कि दिव्या का यह समाधान अब देश और दुनिया भर के क्लासरूम में पढ़ाया जाएगा।"
कौन हैं दिव्या त्यागी?
दिव्या त्यागी फिलहाल एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री कर रही हैं और Computational Fluid Dynamics पर शोध कार्य कर रही हैं, जिससे उनके निष्कर्षों को पवन टरबाइन सिस्टम में शामिल किया जा सके।
उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह Penn State की Leonhard Scholar हैं, जो विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित मेरिट-बेस्ड इंजीनियरिंग प्रोग्राम में से एक है। उनकी डिग्री मई 2026 तक पूरी होगी।
दिव्या त्यागी का यह महत्वपूर्ण योगदान न केवल एक गणितीय उपलब्धि है, बल्कि पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। उनका यह शोध आने वाले वर्षों में पवन ऊर्जा उद्योग को अधिक कुशल और किफायती बना सकता है। उनकी यह सफलता दुनिया भर के विज्ञान और तकनीक के छात्रों के लिए प्रेरणादायक है।