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Dr Manmohan Singh: डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में 10 बातें

डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री (2004-2014), एक कुशल अर्थशास्त्री और सादगी के प्रतीक हैं। जानें उनके शिक्षा, उपलब्धियां और आर्थिक सुधारों में योगदान के बारे में।

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Vaishali Garg
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Image Credit: The Global Sikh Trail / Strictly Personal by Daman Singh

10 Things About Dr. Manmohan Singh : डॉ. मनमोहन सिंह भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री और एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो सादगी, विद्वता और अपनी दूरदर्शी सोच के लिए जाने जाते हैं। 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहते हुए, उन्होंने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई। एक कुशल अर्थशास्त्री और विचारशील नेता के रूप में उनकी पहचान है। डॉ. सिंह का जीवन संघर्ष, कड़ी मेहनत और असाधारण उपलब्धियों की कहानी है, जिसने न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि विश्व मंच पर भी अपनी छाप छोड़ी।

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डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में 10 बातें

भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक यह पद संभाला। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक थे।

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शिक्षा और विद्वता

डॉ. सिंह का शैक्षणिक करियर बेहद प्रेरणादायक रहा। उन्होंने 1957 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज, यूके से अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी. फिल की उपाधि प्राप्त की।

प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक

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उनकी पुस्तक "India’s Export Trends and Prospects for Self-Sustained Growth" (1964) भारत की अंदरूनी व्यापार नीति पर एक महत्वपूर्ण आलोचना मानी जाती है।

आर्थिक सुधारों के जनक

डॉ. सिंह ने 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री के रूप में भारत में आर्थिक सुधारों की नींव रखी। उनके कार्यकाल को भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ माना जाता है।

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सरकारी सेवाओं का लंबा अनुभव

उन्होंने सरकारी सेवाओं में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जैसे मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता

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डॉ. सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में किया। उन्होंने 1993 में कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग और वियना में मानव अधिकारों पर विश्व सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

उन्हें 1987 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें 1956 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार और कई अन्य सम्मान प्राप्त हुए।

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राज्यसभा सदस्यता

डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से लगातार राज्यसभा के सदस्य रहे। 1998 से 2004 तक वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।

सादगी और सौम्यता के प्रतीक

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उनकी सरलता, विद्वता और विनम्रता के कारण वे भारतीय राजनीति में एक अलग पहचान रखते हैं। उन्हें उनके सहकर्मी और आम जनता दोनों ही बेहद सम्मान देते हैं।

परिवार और व्यक्तिगत जीवन

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के एक गांव में हुआ। उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर हैं और उनकी तीन बेटियां हैं। उनका जीवन और कार्य सादगी और दृढ़ता का उदाहरण है।

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