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Earthquake In Bihar: नेपाल में भूकंप के झटके, पटना सहित कई जिलों में महसूस हुई धरती की हलचल

बिहार के कई जिलों में आज सुबह 7.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल था। जानें भूकंप क्यों आते हैं और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर कैसे मापी जाती है।

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Vaishali Garg
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earthquake (Reuters)

A representation image showcasing the impact of an earthquake (File image)

Earthquake News : आज सुबह बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसमें राजधानी पटना भी शामिल है। ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। भूकंप सुबह 6:38 बजे आया, जिसने पटना के अलावा सहरसा, सीतामढ़ी, मधुबनी और आरा जैसे जिलों को भी प्रभावित किया। earthquake in bihar

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Nepal Earthquake: नेपाल में 7.1 तीव्रता का भूकंप

भूकंप का केंद्र नेपाल था, जो जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई। (nepal earthquake today magnitude)  विशेषज्ञों के अनुसार, 7 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप गंभीर संरचनात्मक नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। इसके बावजूद, इन झटकों ने लोगों में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। earthquake in nepal

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में सुबह 6:35:16 पर आया।

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पश्चिम बंगाल और उत्तर भारत में भी महसूस हुए झटके

भूकंप के हल्के झटके पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में भी महसूस किए गए। उत्तर बंगाल में ये झटके दक्षिण बंगाल की तुलना में अधिक प्रभावी थे। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए।

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यह भूकंप भारत, नेपाल, चीन, बांग्लादेश और भूटान समेत पांच देशों में महसूस किया गया।

भूकंप क्यों आते हैं?

हाल के समय में भारत सहित पूरी दुनिया में भूकंप की घटनाएं बढ़ी हैं। हमारी पृथ्वी सात टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है, जो लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं। कभी-कभी इन प्लेट्स के बीच टकराव या घर्षण होता है, जिसके कारण भूकंप आते हैं।

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रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापने का तरीका

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता अलग-अलग स्तरों पर मापी जाती है, जो इसके प्रभाव को दर्शाती है। अगर तीव्रता 0 से 1.9 के बीच हो, तो इसे सिस्मोग्राफ के माध्यम से ही रिकॉर्ड किया जा सकता है और आम लोग इसे महसूस नहीं कर पाते। 2 से 2.9 तीव्रता के भूकंप में हल्की कंपन होती है, जबकि 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप भारी वाहन के गुजरने जैसा महसूस होता है। 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप इतना तेज़ हो सकता है कि घर में रखे सामान अपनी जगह से गिर सकते हैं। 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप फर्नीचर और भारी वस्तुओं को भी हिला सकता है। 6 से 6.9 तीव्रता के भूकंप से इमारतों की नींव में दरारें आ सकती हैं। जब भूकंप की तीव्रता 7 से 7.9 के बीच होती है, तो इमारतें गिरने लगती हैं और बड़ी तबाही मच सकती है। 8 से 8.9 तीव्रता के भूकंप के दौरान सुनामी का खतरा और व्यापक विनाश की संभावना रहती है। 9 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप सबसे घातक होता है, जिसमें धरती की कंपन स्पष्ट रूप से महसूस होती है और भारी तबाही होती है। इस तरह, रिक्टर स्केल भूकंप के प्रभाव और उसकी गंभीरता को समझने का एक सटीक तरीका है।

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