Pretha Vivaah in Karnataka: Family Seeks Deceased Groom for Daughter: भारत की संस्कृति और परंपराओं का खजाना सदियों पुराना है, जिसमें कुछ विधि-विधान आज के आधुनिक दौर में भी अपना महत्व बनाए हुए हैं। वहीं, कुछ परंपराएं ऐसी हैं, जो थोड़ी अजीब या असामान्य लग सकती हैं, लेकिन उनके पीछे सदियों की आस्था और गहरी मान्यताएं जुड़ी होती हैं। ऐसी ही एक अनोखी परंपरा है कर्नाटक और केरल के बीच के तटीय क्षेत्र तुलुनाडु में प्रचलित "प्रेत मडुवे" की. प्रेत मडुवे, जिसे "आत्मा-विवाह" के नाम से भी जाना जाता है, मृतकों के लिए विवाह करने की परंपरा है। हाल ही में, कर्नाटक के एक परिवार ने एक अखबार में विज्ञापन देकर अपनी मृत बेटी के लिए "आत्मा-वर" ढूंढने की कोशिश की, जिसने इस अनोखी परंपरा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। आइए जानते हैं क्या है ये प्रेत मडुवे की परंपरा और क्यों लोग आज भी इसे निभाते हैं?
कर्नाटक में आत्माओं की शादी! जानिए प्रेत मडुवे की अनोखी परंपरा
अखबार में अनोखा विज्ञापन
परिवार का मानना है कि उनकी बेटी की आत्मा अविवाहित रहने के कारण उन्हें परेशानियां आ रही हैं। बेटी का निधन तो 30 साल पहले ही हो चुका था, लेकिन हाल ही में परिवार को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें लगा कि यह उनकी बेटी की अविवाहित आत्मा के कारण हो सकता है। इसी सोच के साथ उन्होंने अखबार में विज्ञापन देकर 30 साल पहले मृत किसी लड़के से उनकी बेटी की शादी कराने की इच्छा जताई। विज्ञापन में खासतौर पर कुलाल और बंगारा गोत्र के लड़के की मांग की गई थी।
प्रेत विवाह: एक सांस्कृतिक परंपरा
कर्नाटक और केरल के बीच स्थित तुलुनाडु क्षेत्र में सदियों से चली आ रही परंपरा है - प्रेत विवाह। तुलुवा संस्कृति के अनुसार, मृतक परिवार के सदस्य मृत्यु के बाद भी अपने परिवार के साथ ही रहते हैं और जीवितों के सुख-दुख को प्रभावित करते हैं। इसी मान्यता के अनुसार, मृतकों को "विकुंट समर्दन" और "पिंड प्रदान" जैसी रीति-रिवाजों के माध्यम से भोजन और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
प्रेत विवाह उन्हीं परंपराओं का विस्तार है, जहां परिवार मृत आत्माओं का विवाह संस्कार कराता है। यह मुख्य रूप से मृतकों की खुशी और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि मृतकों को अकेला या दुखी न रखना, किसी न किसी तरह जीवित परिवार की सुख-समृद्धि से जुड़ा होता है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
2022 में, सोशल मीडिया पर एक यूजर ने प्रेत विवाह में शामिल होने का अनुभव साझा किया था। उनके ट्वीट में लिखा था, "आज शादी में शामिल हो रहा हूं।आप सोच सकते हैं कि इसमें ट्वीट करने वाली कौन सी बात है? दरअसल, दूल्हा और दुल्हन दोनों मृत हैं।करीब 30 साल पहले उनकी मृत्यु हो चुकी है।"
I'm attending a marriage today. You might ask why it deserve a tweet. Well groom is dead actually. And bride is dead too. Like about 30 years ago.
— AnnyArun (@anny_arun) July 28, 2022
And their marriage is today. For those who are not accustomed to traditions of Dakshina Kannada this might sound funny. But (contd)
यह ट्वीट वायरल हो गया था और इसने प्रेत विवाह पर ऑनलाइन चर्चा को जन्म दिया। ताइवान में भी इसी तरह की परंपरा 3000 से अधिक वर्षों से चली आ रही है।