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Paris: लौव्र संग्रहालय के बाहर FEMEN कार्यकर्ताओं का टॉपलेस प्रदर्शन, जानिए क्यों

25 नवंबर को, इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वुमन पर FEMEN कार्यकर्ताओं ने पेरिस के लौव्र संग्रहालय के बाहर टॉपलेस प्रदर्शन किया। जानें इस नारीवादी प्रतिरोध का उद्देश्य और इसकी पृष्ठभूमि।

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Vaishali Garg
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FEMEN Activists Protest Topless Outside the Louvre

25 नवंबर को, इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वुमन के अवसर पर, FEMEN कार्यकर्ताओं ने पेरिस के लौव्र संग्रहालय के बाहर टॉपलेस प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एक सशक्त प्रतिरोध था, जो अब एक वैश्विक आंदोलन का रूप ले रहा है।

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Paris: लौव्र संग्रहालय के बाहर FEMEN कार्यकर्ताओं का टॉपलेस प्रदर्शन, जानिए क्यों

एकजुटता और प्रतिरोध का प्रदर्शन

“Femme, Vie, Liberté” (महिला, जीवन, स्वतंत्रता) के नारे के साथ, 100 से अधिक FEMEN कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन किया। उनके शरीर पर फ्रेंच, अंग्रेजी और कुर्दिश में नारे लिखे गए थे, जैसे “Stop War on Women” और “Women, Life, Freedom।” FEMEN ने इस प्रदर्शन को "वैश्विक नारीवादी प्रतिरोध का जीवंत प्रतीक" बताया, जो अफगानिस्तान, ईरान, सूडान, यूक्रेन, और फिलिस्तीन जैसी जगहों पर उत्पीड़न झेल रही महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाता है।

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संगीत के माध्यम से विरोध

गायिका लियो के नेतृत्व में, कार्यकर्ताओं ने “L’Hymne des Femmes” (महिलाओं का गान) गाया। वे काले घूंघट पहने हुए थीं, जो शोक और महिलाओं के मिटाए जाने का प्रतीक था। इसके अलावा, उन्होंने फ़ारसी में “The Song of Equality” गाया, जिससे ईरानी महिलाओं के #WomanLifeFreedom आंदोलन को सम्मान दिया गया।

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FEMEN आंदोलन की शुरुआत

2008 में यूक्रेन में स्थापित FEMEN एक अंतरराष्ट्रीय नारीवादी आंदोलन है, जो अपने साहसिक और टॉपलेस विरोधों के लिए जाना जाता है। यह संगठन अपने शरीर को पितृसत्तात्मक व्यवस्था के खिलाफ संदेश पहुंचाने के माध्यम के रूप में उपयोग करता है।

FEMEN के फ्रांसीसी चैप्टर की स्थापना 2012 में इनना शेवचेंको ने की। यह संगठन यौन हिंसा, राजनीतिक उत्पीड़न और धार्मिक कट्टरता जैसे मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम करता है।

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गिज़ेल पेलिकोट मामला और नाराज़गी

यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ जब डोमिनिक पेलिकोट के मामले ने लोगों को आक्रोशित कर दिया था। पेलिकोट ने अपनी पूर्व पत्नी को ड्रग्स देकर 70 अन्य पुरुषों के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले ने कड़े कानूनी कार्रवाई की मांग को और मजबूत किया।

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FEMEN के ऐतिहासिक विरोध

FEMEN ने वर्षों से कई प्रमुख विरोध प्रदर्शन किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • 2012: लौव्र में वीनस डी मिलो की मूर्ति के सामने बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन।
  • 2015: मुस्लिम सम्मेलन में महिलाओं के हाशिए पर होने का विरोध।
  • 2018: डोनाल्ड ट्रंप की पेरिस यात्रा के दौरान उनके नीतियों का विरोध।
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कला और सक्रियता का संगम

FEMEN ने लौव्र और म्यूज डी'ऑर्से जैसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक स्थलों को चुनकर अपने संदेश को व्यापक रूप देने का प्रयास किया। उनके प्रदर्शन कला और सक्रियता के माध्यम से पितृसत्तात्मक व्यवस्था और सामाजिक अन्याय को चुनौती देते हैं।

परिवर्तन की ओर एक कदम

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FEMEN का यह प्रदर्शन न केवल प्रतिरोध का प्रतीक है, बल्कि एक आह्वान भी है। यह महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के प्रति वैश्विक चेतना जगाने की कोशिश है।

FEMEN के शब्दों में:

“हम अपने उत्पीड़ित बहनों के साथ खड़े हैं। हम तब तक लड़ना नहीं छोड़ेंगे, जब तक स्वतंत्रता और समानता हासिल नहीं हो जाती।”

लौव्र में यह प्रदर्शन महिलाओं की अदम्य शक्ति और संघर्ष का प्रतीक है, जो न केवल मुक्ति और समानता के लिए, बल्कि अपने अस्तित्व के लिए भी लड़ रही हैं।

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