Advertisment

50 वर्षीय महिला से 2 साल की बच्ची तक: यूपी के बहराइच में भेड़ियों के हमले में कई घायल

यूपी के बहराइच में भेड़ियों के हमलों में 50 वर्षीय महिला ने मुश्किल से बचाई जान। जुलाई से अब तक 30 लोग घायल, 8 की मौत, जिनमें 2 साल की बच्ची भी शामिल।

author-image
Vaishali Garg
एडिट
New Update
Girl Killed In Wolf Attack In UP's Bahraich

Image Credit: NDTV

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रायपुर कोरियन टेपरा गांव में 11 सितंबर की रात एक 50 वर्षीय महिला, पुष्पा देवी, पर भेड़िए ने हमला कर दिया। यह घटना रात लगभग 10 बजे की है, जब पुष्पा देवी सो रही थीं। परिवार के सदस्यों का कहना है कि शायद किसी ने गलती से दरवाजा खुला छोड़ दिया, जिससे भेड़िया अंदर आ गया। भेड़िए ने सीधे उनके गले पर हमला किया। उनकी चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़े और भेड़िया भाग गया। यह घटना उन 30 मामलों में से एक है, जो जुलाई के मध्य से इस क्षेत्र में हुए हैं।

Advertisment

50 वर्षीय महिला से 2 साल की बच्ची तक: यूपी के बहराइच में भेड़ियों के हमले में कई घायल

UP के बहराइच में भेड़िये के हमले में 2 साल की बच्ची की मौत, अधिकारियों ने शुरू किया ऑपरेशन भेड़िया

बच्ची बनी भेड़िये का शिकार

Advertisment

2 साल की बच्ची अंजलि पर सुबह 4 बजे भेड़िये ने हमला किया। वह अपनी माँ के साथ घर के बाहर सो रही थी। कुछ समय बाद, उसकी लाश घर से एक किलोमीटर दूर खेत में मिली। बहराइच के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) के अनुसार, बच्ची के दोनों हाथ भेड़िये ने खा लिए थे और उसकी मौत हो चुकी थी। 

अधिकारियों के बयान

गाँव के प्रधान उमा कान्त दीक्षित ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि "घटना के बाद क्षेत्र में लोग डरे हुए हैं।" उन्होंने यह भी जानकारी दी कि खोज अभियान शुरू कर दिया गया है और वन अधिकारी भी इलाके में पहुँच चुके हैं।

Advertisment

बहराइच की जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी ने भी गाँव का दौरा किया और मृतक बच्ची के परिवार को सांत्वना दी। मोनिका ने सार्वजनिक बयान में कहा, "यह पहली घटना नहीं है। हमें इस पैटर्न का पता है। भेड़िया हर 5-6 दिनों के बाद सक्रिय होता है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हर बार एक नया गाँव निशाना बनता है। वन विभाग भेड़ियों को पकड़ने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है।"

ऑपरेशन भेड़िया

ऑपरेशन भेड़िया तेजी से आगे बढ़ रहा है। पुलिस अधिकारी भेड़ियों के इस दल को पकड़ने के लिए नवाचारी तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। एक टेडी बियर पर बच्चों के यूरिन का छिड़काव कर उसे भेड़ियों के लिए चारा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

Advertisment

डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर अजीत प्रताप सिंह ने पीटीआई से कहा, "आमतौर पर ये रात में शिकार करते हैं और सुबह होते ही अपने अड्डे पर लौट जाते हैं। हमारी रणनीति उन्हें भटकाकर उनके आवासीय क्षेत्रों से दूर पिंजरे या जाल में फंसाने की है।"

Advertisment