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बेटी होने पर फ्री में गोलगप्पे - आजकल बेटा और बेटी में इतने भेदभाव के दौर में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो बेटी होने पर इतना खुश हो जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी भोपाल में देखने को मिली जहाँ एक छोटे से गोलगप्पे वाले ने बेटी होने पर सभी लोगों को फ्री में गोलगप्पे खिलाए। समाज में कुछ इस तरीके के लोग ही यह यकीन दिलाते हैं कि अभी भी कुछ अच्छे लोग बाकि हैं। अंचल से बेटी होने की कामना की थी और जैसे ही वो पूरी हुई इन्होंने कुछ इस अनोखे अंदाज़ से इसे सबके साथ मनाया।
इस शक्श का नाम अंचल गुप्ता है और यह भोपाल में गोलगप्पे का ठेला लगाता है। हाल में ही इन्हें एक बेटी हुई है और यह न्यूज़ से वो इतने ज्यादा खुश थे कि उन्होंने सभी को मुफ्त में गोलगप्पे खिलाए। इसको देख सभी लोग न कि सिर्फ भोपाल में बल्कि पूरे इंटरनेट पर इनकी तारीफ कर रहे हैं।
यह कई सालों से गोलगप्पे का ठेला लगाते आ रहे हैं और इनको 14 साल हो चुके हैं। इन्होंने बेटी की ख़ुशी बनाने के लिए रोज के मुकाबले और बड़ा स्टाल लगाया और यह ख़ुशी हज़ारों लोगों के साथ बांटी। ऐसे ही लोग समाज में होने से एक पॉजिटिव बदलाव लेकर आते हैं। जहाँ आये दिन हम नवजात शिशु की हत्या की न्यूज़ सुनते हैं क्योंकि वो बेटी थी आज यह न्यूज़ सुनकर दिल खुश हो रहा है।
समाज में कुछ इस तरीके के लोग ही यह यकीन दिलाते हैं कि अभी भी कुछ अच्छे लोग बाकि हैं। अंचल से बेटी होने की कामना की थी और जैसे ही वो पूरी हुई इन्होंने कुछ इस अनोखे अंदाज़ से इसे सबके साथ मनाया। इससे पता लगता है कि ख़ुशी मानाने के लिए गरीबी या अमीरी नहीं देखी जाती है बस आपका दिल देखा जाता है। अंचल ने सोशल मीडिया के ज़रिए हज़ारों लोगों के दिल जीते और चारों और इनकी सराहना किए गयी।
क्या है गोलगप्पे वाले की पूरी कहानी?
इस शक्श का नाम अंचल गुप्ता है और यह भोपाल में गोलगप्पे का ठेला लगाता है। हाल में ही इन्हें एक बेटी हुई है और यह न्यूज़ से वो इतने ज्यादा खुश थे कि उन्होंने सभी को मुफ्त में गोलगप्पे खिलाए। इसको देख सभी लोग न कि सिर्फ भोपाल में बल्कि पूरे इंटरनेट पर इनकी तारीफ कर रहे हैं।
हज़ारों के साथ बेटी होने की ख़ुशी मनाई
यह कई सालों से गोलगप्पे का ठेला लगाते आ रहे हैं और इनको 14 साल हो चुके हैं। इन्होंने बेटी की ख़ुशी बनाने के लिए रोज के मुकाबले और बड़ा स्टाल लगाया और यह ख़ुशी हज़ारों लोगों के साथ बांटी। ऐसे ही लोग समाज में होने से एक पॉजिटिव बदलाव लेकर आते हैं। जहाँ आये दिन हम नवजात शिशु की हत्या की न्यूज़ सुनते हैं क्योंकि वो बेटी थी आज यह न्यूज़ सुनकर दिल खुश हो रहा है।
समाज में कुछ इस तरीके के लोग ही यह यकीन दिलाते हैं कि अभी भी कुछ अच्छे लोग बाकि हैं। अंचल से बेटी होने की कामना की थी और जैसे ही वो पूरी हुई इन्होंने कुछ इस अनोखे अंदाज़ से इसे सबके साथ मनाया। इससे पता लगता है कि ख़ुशी मानाने के लिए गरीबी या अमीरी नहीं देखी जाती है बस आपका दिल देखा जाता है। अंचल ने सोशल मीडिया के ज़रिए हज़ारों लोगों के दिल जीते और चारों और इनकी सराहना किए गयी।