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Government Scheme For Women & Children: बच्चों और महिलाओं के लिए 1.71 लाख करोड़ की योजनाएं

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Swati Bundela
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Government Scheme For Women & Children: सरकार और वोमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने बच्चों और महिलाओं के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की है। इसमें डोमेस्टिक वायलेंस से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए 300 और 'वन स्टॉप सेंटर' (घरेलू हिंसा से प्रभावित लोगों की काउंसलिंग का सेंटर) जोड़ने का भी फैसला किया है। जोनल कांफ्रेंस में, मिशन पोषण (महिलाओं और बच्चों का पोषण), मिशन शक्ति (सुरक्षा) और मिशन वात्सल्य (खुश और हैल्थी बचपन ) के तीन अप्रोचिस पर जोर दिया। आईए जानते है डिटेल्स-

स्मृति ईरानी ने इस स्कीम को लेकर क्या कहा?

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि वोमेन हेल्थ गवर्नमेंट कार्यक्रमों और नीतियों का अहम और अभिन्न अंग है। स्मृति ईरानी ने बताया इस बार "केंद्रीय बजट 2022-23 में महिलाओं से संबंधित प्रोग्राम पर खर्च में 14 फीसदी की बढ़ोतरी होगी"।

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उन्होंने दावा किया कि एक वर्ष के भीतर 11 लाख टॉयलेट्स और महिलाओं के लिए अलग टॉयलेट्स का निर्माण किया जायेगा इसका उद्देश्य लड़कियों के ड्रॉप-आउट रेश्यो में कमी लाना है जो पहले 23 प्रतिशत थी। स्मृति ईरानी ने कहा जेंडर कोलेबोरेटिव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिर्फ पुरुषों को ही लाभ ना हो।

Government Scheme For Women & Children मिशन वात्सल्य क्या है?

मिशन वात्सल्य से एसडीजी गोल (शून्य भूख, क्वालिटी एजुकेशन, आदि) को अचीव करने में राज्यों और यूनियन स्टेट्स की मदद करने की उम्मीद है। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (CWC), जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड्स (JJB) और स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगी कि मिशन के उद्देश्य को कुशलतापूर्वक और स्मूथली पूरा किया जाए। इस योजना का उद्देश्य कठिन परिस्थितियों में बच्चों का समर्थन करना और बच्चों की सुरक्षा और विकास करना है।

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कोविड के समय में कई बच्चे अनाथ हो गए और कई ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। ऐसे में बच्चों की मदद और सुरक्षा के लिए मंत्रालय का हस्तक्षेप करना सही है और वह सही समय पर भी समय पर आगे आए है। डिपार्टमेंट ऑफ़ वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कुंदन इजेस ने कहा, "सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत पूरे भारत में प्रत्येक पहचाने गए बच्चे <18 साल से कम> को 5 लाख रुपये दिए गए हैं।

इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम के तहत, प्रत्येक नाबालिग बच्चे को खर्च के लिए प्रति माह 6,500 रुपये मिलेंगे।" कुंदन ने यह भी कहा, "सरकार बच्चों के गार्डियन के रूप में खड़ी रहे और इन जरूरतमंद बच्चों के लिए संयुक्त खाते खोले। डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स और बाकि फंक्शनरीएस मिलकर मंत्रालय के साथ काम करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी जरूरतमंद बच्चा सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभों से वंचित ना रहे।"


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