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Green Fungus : ब्लैक, व्हाइट और पीले के बाद छाया ग्रीन फंगस का कहर, जानिए जरूरी बातें

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Swati Bundela
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देश में भले ही कोरोना केसेस कम हो रहे हैं लेकिन उसी के साथ हाल ही में कुछ रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को इंदौर मध्य प्रदेश में एक कोविड-19 के मरीज को ग्रीन फंगस पाया गया।

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भारत में ग्रीन फंगल इंफेक्शन केस



भारत में कोविड-19 केसस के साथ ब्लैक, वाइट और येलो फंगस के इंफक्शन केसेस भी देखे गए थे। हालांकि डॉक्टर ने fungal infection के कलर्स पर ज्यादा ध्यान ना देने की सलाह दी है क्योंकि इससे कन्फ्यूजन पैदा होता है।
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श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के चेस्ट डिजीज डिपार्टमेंट हेड डॉ रवि दोसी ने कहा कि अभी ग्रीन फंगस पर रिसर्च होना बाकी है।

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क्या है यह ग्रीन फंगस ? जरूरी 5 बातें



1. ग्रीन फंगस एक तरह का एस्पेरगिलोसिस इंफेक्शन होता है। यह इंफेक्शन रेस्पिरेट्री सिस्टम में माउंट के द्वारा होता है। इस इंफेक्शन से सबसे ज्यादा खतरा कमजोरी इम्यून सिस्टम वाले लोगों को है। रिकवर होने वाले मरीजों को ग्रीन संगत से ज्यादा खतरा है।

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2. हालांकि aspergillosis के लक्षण थोड़े कम तौर पर देखने को मिलते हैं लेकिन कई बार यह आपको सांस लेने में बहुत दिक्कत है और ब्लड डिस्चार्ज हुई परेशानी कर सकता है।



मध्य प्रदेश में पहला केस पाया गया है जिसमें मरीज की नाक से खून निकलता है और उसे बुखार है।
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3. वह मरीज 2 महीने से कोई नहीं इनके ट्रीटमेंट से गुजर रहा है। डॉक्टर दोषी ने कहा 15 दिनों में उसे ग्रीन फंगस के लक्षण दिखने लगे और उसके बाद उसे ग्रीन फंगस इंफेक्शन हुआ।

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4. Aspergillosis इंफेक्शन में डॉक्टर्स ने सांस लेने में समस्या , खांसी , छीकें, वज़न में कमी और थकावट जैसे लक्षणों पर ध्यान देने की बात कही है। ऐसे लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाने और ट्रीट मेंट शुरू करने की बात कही गई है।



5. डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पिछले महीने में हमें सामान्य फंगल इन्फेक्शन देखने को मिलें हैं जिनके लक्षणों का खयाल हमें खुद रखना होगा।
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