Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक महिला ने चार पैरों वाली एक बच्ची को दिया जन्म। इससे लोगों में क्यूरियोसिटी पैदा हो गई है। लेकिन यह एक शारीरिक विकृति है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में इस्कियोपैगस कहते हैं। आपको बता दें की ग्वालियर जिले के सिकंदर कम्पू मुहल्ले की रहने वाली आरती कुशवाहा ने 14 दिसंबर बुधवार को कमला राजा अस्पताल के महिला एवं बाल बाल रोग विभाग में इस बच्चे को जन्म दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और बच्ची का वजन 2.3 किलो है।
Gwalior में 4 पैरों वाली बच्ची का हुआ जन्म, डॉक्टरों की निगरानी में है बच्ची(baby born with four legs)
जयारोग्य अस्पताल ग्रुप ने ग्वालियर के अधीक्षक के साथ डॉक्टरों की एक टीम ने जन्म के बाद बच्ची की जांच की। ANI की एक रिपोर्ट में अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा कि बच्ची के जन्म के समय चार पैर हैं, यानी यह शारीरिक विकृति है। कुछ भ्रूण अतिरिक्त हो जाते हैं। जिसे चिकित्सा विज्ञान की भाषा में इस्कियोपैगस कहा जाता है।”
डॉक्टर ने आगे बताया, “जब भ्रूण दो भागों में विभाजित होता है, तो शरीर दो स्थानों पर विकसित हो जाता है। इस बच्ची के कमर के नीचे का निचला हिस्सा दो अतिरिक्त पैरों के साथ विकसित हो गया है, लेकिन वह पैर निष्क्रिय हैं। बच्ची को कमला राजा अस्पताल के बाल रोग विभाग के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर बच्ची के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। डॉक्टर धाकड़ ने कहा, "फिलहाल बाल रोग विभाग के डॉक्टर शरीर के किसी भी हिस्से में अन्य विकृति की जांच कर रहे हैं। फिलहाल बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। जांच के बाद अगर वह स्वस्थ है तो डॉक्टर सर्जरी के जरिए उसके अतिरिक्त पैर निकाल देंगे, ताकि वह नॉर्मल लाइफ जी सके।
इससे पहले भी हो चुका है इस टाइप का एक और केस मध्यप्रदेश में
आपको बता दें की इससे पहले इसी साल मार्च में एक ऐसा ही अलग मामला सामने आया था जिसमें मध्य प्रदेश के रतलाम में एक महिला ने दो सिर, तीन हाथ और दो पैरों वाले बच्चे को जन्म दिया था। सोनोग्राफी रिपोर्ट में पता चला कि दो बच्चे हैं। लेकिन यह एक बच्चा था जिसमें दो रीढ़ की हड्डी और एक पेट था। बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने एएनआई को बताया, “यह एक दुर्लभ मामला है, इसका जीवन बहुत लंबा नहीं होगा, और एक बहुत ही जटिल स्थिति होगी। इस स्थिति को डाइसेफेलिक पैरापैगस कहते हैं।
जन्म के दौरान जन्म इसे चेंज शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। अधिकांश जन्म दोषों के लिए जीन जिम्मेदार होते हैं। अन्य कारक पर्यावरण में व्यवहार और चीजें हो सकते हैं। हालांकि, कैसे ये कारक एक साथ काम करके जन्म दोष पैदा कर सकते हैं, यह अभी तक समझ में नहीं आया है।