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Gwalior Gangrape Case Update : ये मामला ग्वालियर के मध्य प्रदेश का है। एक माइनर लड़की के साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद पुलिस ने लड़की को और उसके परिवार वालों को ही मारा। इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आर्डर दिया है कि इस पर CBI जाँच बैठायी जाए और जिन सीनियर ऑफिसियल का केस के चलते ट्रांसफर हुआ उस पर भी चर्चा हो।
इस केस को लेकर एक बेंच बैठायी गयी थी जिस में जस्टिस GS अहलुवालिआ थे। इन्होंने फैसला लिया है कि जो भी इस गैंगरेप में इन्वॉल्व थे उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए और जिन भी सीनियर ऑफिसियल का केस के चलते ट्रांसफर हुआ है उस पर भी चर्चा हो। इसके लिए आरोपियों द्वारा रेप पीड़ित लड़की को 50,000 हज़ार रूपए देना भी तय हुआ है। जिस लड़की का रेप हुआ था वो घर में डोमेस्टिक काम किया करती थी जिस दौरान जनवरी में उसका रेप हुआ।
इस केस में सीबीआई की जांच जस्टिस GS अहलुवलिया द्वारा फाइल की गयी है। जहाँ वो काम करती थी वहां घर के मालिक के पोते और उसके दोस्तों ने मिलकर लड़की का गैंगरेप किया था। इसके बाद FIR फाइल की गयी। FIR फाइल होने के कारण आरोपियों ने पुलिस के ऊपर प्रेशर डाला जिसके कतरन इन्होंने लड़की और उसके घर वालों को लॉकर में रात भर बंद रखा और मारपीट भी की।
रिपोर्टों से पता चलता है कि कथित सामूहिक बलात्कार 31 जनवरी को मोरार में हुआ था, जहाँ युवती घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। मामले में मकान मालिक के पोते और उसके दोस्तों को आरोपी बनाया गया है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। नाबालिग का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों के दबाव में परिवार को थाने में पीटा गया। आरोपों के अनुसार, एक महिला पुलिस अधिकारी ने हमले के वीडियो शूट किए जो बाद में सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गए। पुलिस की निष्क्रियता और मामले में उचित जांच की कमी का भी आरोप लगाया गया था।
मध्य प्रदेश कोर्ट ने ग्वालियर गैंगरेप में क्या फैसला लिया है ?
इस केस को लेकर एक बेंच बैठायी गयी थी जिस में जस्टिस GS अहलुवालिआ थे। इन्होंने फैसला लिया है कि जो भी इस गैंगरेप में इन्वॉल्व थे उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए और जिन भी सीनियर ऑफिसियल का केस के चलते ट्रांसफर हुआ है उस पर भी चर्चा हो। इसके लिए आरोपियों द्वारा रेप पीड़ित लड़की को 50,000 हज़ार रूपए देना भी तय हुआ है। जिस लड़की का रेप हुआ था वो घर में डोमेस्टिक काम किया करती थी जिस दौरान जनवरी में उसका रेप हुआ।
पुलिस ने रेप पीड़िता को क्यों मारा ?
इस केस में सीबीआई की जांच जस्टिस GS अहलुवलिया द्वारा फाइल की गयी है। जहाँ वो काम करती थी वहां घर के मालिक के पोते और उसके दोस्तों ने मिलकर लड़की का गैंगरेप किया था। इसके बाद FIR फाइल की गयी। FIR फाइल होने के कारण आरोपियों ने पुलिस के ऊपर प्रेशर डाला जिसके कतरन इन्होंने लड़की और उसके घर वालों को लॉकर में रात भर बंद रखा और मारपीट भी की।
क्या था रेप का पूरा मामला ?
रिपोर्टों से पता चलता है कि कथित सामूहिक बलात्कार 31 जनवरी को मोरार में हुआ था, जहाँ युवती घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। मामले में मकान मालिक के पोते और उसके दोस्तों को आरोपी बनाया गया है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। नाबालिग का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों के दबाव में परिवार को थाने में पीटा गया। आरोपों के अनुसार, एक महिला पुलिस अधिकारी ने हमले के वीडियो शूट किए जो बाद में सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गए। पुलिस की निष्क्रियता और मामले में उचित जांच की कमी का भी आरोप लगाया गया था।