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Photograph: (Amar Ujala )
IAF Pilot Siddharth Yadav Died In jet Crash: IAF फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार शुक्रवार को हरियाणा के भालखी माजरा गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। हाल ही में सगाई के बाद सिद्धार्थ नवंबर में शादी करने वाले थे, लेकिन 3 अप्रैल को गुजरात में एक जगुआर फाइटर जेट क्रैश में उनका दुखद निधन हो गया। अंतिम संस्कार के दौरान उनकी मंगेतर सानिया की रोती हुई पुकारें और परिवार का बिखरता दुःख हर किसी की आंखें नम कर गया।
अंतिम विदाई में टूटी मंगेतर, IAF पायलट सिद्धार्थ यादव को नम आंखों से दी विदाई
आखिरी विदाई में गूंजा दर्द: ‘बेबी, तू आया क्यों नहीं’
3 अप्रैल की रात जामनगर, गुजरात में भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट उड़ान भरने के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (IAF Flying Officer) की जान चली गई, जबकि एक अन्य अधिकारी मनोज कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हुए। सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को हरियाणा के रेवाड़ी जिले के उनके पैतृक गांव भालखी माजरा लाया गया।
अंतिम संस्कार के समय भावुक दृश्य देखने को मिला। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सिद्धार्थ की मंगेतर सानिया फूट-फूट कर रोती नजर आईं। उन्होंने ताबूत के पास खड़े होकर कहा, “बेबी, तुम मुझे लेने नहीं आए... तुमने वादा किया था।” इस भावुक क्षण ने वहां मौजूद हर शख्स को रुला दिया।
Life is full of surprises 😟 you never know what's coming💔 #RIP_🙏🏼#Flight_Lieutenant_Siddharth_Yadav 🇮🇳 pic.twitter.com/knlRSfGs6f
— sewon 💙 (@pr0_ride) April 4, 2025
सगाई के 10 दिन बाद आई यह दुखद खबर
23 मार्च को सिद्धार्थ और सानिया की सगाई हुई थी। नवंबर में दोनों की शादी होने वाली थी और घर में तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। 31 मार्च को ड्यूटी पर लौटे सिद्धार्थ ने परिवार को जल्द लौटने का वादा किया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी मां सुशीला देवी उन्हें देखकर बेहोश हो गईं। उन्होंने बेटे की तस्वीर हाथ में लेकर कहा, “हर मां को अपने बेटे को फौज में भेजना चाहिए। मुझे गर्व है कि मैंने एक बहादुर को जन्म दिया।”
सेना से गहरे रिश्ते रखने वाला परिवार
सिद्धार्थ एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से थे। उनके परदादा ब्रिटिश सेना के बंगाल इंजीनियर्स में थे, दादा अर्धसैनिक बल में और पिता सुशील यादव भारतीय वायुसेना में रह चुके हैं। वर्तमान में वे एलआईसी में कार्यरत हैं। सिद्धार्थ दो भाई-बहनों में सबसे बड़े थे।
जनसमूह ने दी श्रद्धांजलि
उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें पूर्व मंत्री बनवारी लाल, विधायक कृष्ण कुमार, वायुसेना और अन्य सशस्त्र बलों के अधिकारी शामिल थे। सभी ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। वायुसेना अधिकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से उनकी टोपी उनके सिर पर रखी और तस्वीर उनके पिता को सौंपी।
एक सपना अधूरा रह गया
पिता सुशील यादव ने कहा, “मेरा सपना था कि वो एयरफोर्स चीफ बने। उनकी शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन अब हमारे पास सिर्फ उनकी यादें हैं।” सिद्धार्थ न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गए हैं।