IAS Officer Exposes Shocking Lapses in UP Hospital : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में एक आईएएस अधिकारी, कृति राज ने गुप्त जांच की। मरीज बनकर उन्होंने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं और लापरवाही का पर्दाफाश किया।
कैसे एक महिला IAS अधिकारी ने मरीज बनकर अस्पताल की खामियों का किया पर्दाफाश
छिपी जांच का फैसला
फिरोजाबाद की सदर उप-जिलाधिकारी (SDM) कृति राज को मरीजों द्वारा अस्पताल में असुविधाओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसको लेकर उन्होंने दिदा माई हेल्थ सेंटर की कार्यप्रणाली की खुद जांच करने का फैसला किया। अपनी असली पहचान छिपाने के लिए उन्होंने घूंघट का सहारा लिया।
आश्चर्यजनक सच सामने आया
छिपकर अस्पताल में दाखिल होने पर कृति राज को न सिर्फ डॉक्टरों की गैरमौजूदगी बल्कि मेडिकल स्टाफ के गैर-पेशेवर रवैया भी देखने को मिला। यही नहीं, दवाओं के भंडार में काफी मात्रा में दवाइयां एक्सपायर हो चुकी थीं। चिंताजनक बात यह है कि एक्सपायर्ड दवाइयां न सिर्फ बेअसर होती हैं बल्कि मरीजों के लिए हानिकारक भी हो सकती हैं। महत्वपूर्ण कर्मचारी भी अपने पदों पर अनुपस्थित थे, हालांकि उनकी उपस्थिति दर्ज कराई गई थी। यह उनकी कर्तव्यहीनता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। अस्पताल परिसर की साफ-सफाई का भी भारी अभाव था।
#WATCH | Uttar Pradesh: Sub-Divisional Magistrate Sadar Kriti Raj inspected a government health centre in Firozabad, after receiving several complaints regarding inconveniences faced by patients.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 13, 2024
(Source: SDM Office) pic.twitter.com/UZamZhpvxJ
जांच के दौरान क्या हुआ?
जांच के दौरान कृति राज ने एक मरीज की तरह स्वास्थ्यकर्मी से बातचीत की। मरीज बनकर की गई उनकी बातचीत में सामने आया कि अस्पताल में मरीजों का सही से इलाज नहीं हो रहा है और स्वास्थ्य कर्मचारियों का रवैया भी ठीक नहीं है।
कार्रवाई
अस्पताल की खामियों के पुख्ता सबूत मिलने के बाद कृति राज ने तुरंत कदम उठाए। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को जवाबदेह ठहराया और अस्पताल में व्याप्त खामियों के मूल कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू करवाई।
विवाद और जवाबी कार्रवाई
हालांकि, कृति राज के खुलासे से जनता में गुस्सा भड़क गया है और जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ रामबदन राम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, "मैंने बुधवार को दोपहर 12.05 बजे निरीक्षण किया। साफ-सफाई और रंगाई का काम चल रहा था। एसडीएम द्वारा बताई गई कोई बड़ी कमी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं पाई गई।"
उन्होंने आगे कहा, " मरीजों को एक्सपायर्ड दवाइयां नहीं दी जा रही थीं। मार्च और अप्रैल 2024 में एक्सपायर होने वाली दवाओं को अलग रखा गया था और उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। उन्हें फेंकना था और डिस्चार्ज रजिस्टर में उनका उल्लेख किया गया था। ऐसा लगता है कि एसडीएम को दवाओं का एक 'गलत' बॉक्स मिला है।"
हालांकि, CMO के दावे कृति राज के निरीक्षण के निष्कर्षों से मेल नहीं खाते हैं। ऐसे में मामले की गहन जांच और जवाबदेही तय करना आवश्यक है।
राजनीतिक माहौल गरम
एसडीएम कृति राज के निरीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोगों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मौके पर मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि एसडीएम की जांच से जो सच सामने आया है, वह सरकार की नाकामी का प्रमाण है।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार असंतुष्टों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "अगर कोई सच बोलता है तो उसे ट्रांसफर या विदेशी प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाता है।"इस मामले पर बहस अभी भी जारी है और लोगों की सरकार से जवाबदेही की मांग तेज हो रही है।