आइये सुधा रमन और उनके द्वारा किये गए इस असंभव कार्य के बारे में और जानते हैं:
- सुधा रमन ने एक बिओमेडिकल इंजीनियर बनने की ट्रेनिंग ली है, व बाद में उन्होंने वन सेवा करनी शुरू कर दी। वह वंडालूर चिड़ियाघर की डिप्टी डायरेक्टर भी हैं।
- उन्होंने एक ऐप भी बनाई है, जिसके लिए उन्हें 2019 में डॉ कलम इनोवेशन फॉर गवर्नेंस अवार्ड भी मिला था।
सुधा रमन का कहना है की, "करीब 300 पक्षी अभी ही झील के आस-पास घोंसला बना भी लिया है और अभी तो मौसम की शुरुआत है। हमें जल्द ही अपने और 'विदेशी' मेहमानों को आते हुए देखने की आशा है!"
चेन्नई की ओत्तेरी झील पहले ही सूखनी शुरू हो गयी थी। 2016 में वरदाह साइक्लोन के आने के बाद वह झील की हालत और ज़्यादा खराब होने लगी, और फिर 2018 में चेन्नई में सूखा पड़ने के बाद यह 18 एकड़ की यह झील बिलकुल सूख गयी।
फरवरी में, झील को ठीक करने का काम शुरू हुआ और अक्टूबर तक झील पानी से भर चुकी थी। कुछ ही महीनों में पक्षियों ने भी आना शुरू कर दिया।
इस काम में उन्हें मुश्किलें भी आईं। पानी में वीड्स उगने शुरू हो गए थे। उसे करना बेहद मुश्किल था।
अभी उस झील के आस-पास इबिसेस, हेरोंस, कोर्मोरंट्स आदि पक्षी दिखाई देते हैं।
रमन के मुताबिक़, घेरे के अलावा झील भी आने वाले लोगों के लिए एक और देखने लायक जगह होगी।
सुधा रमन ने झील की शोभा वापस पहले जैसी कर दी है। आज, वह झील पानी से भरी रहती है और पक्षी वापस आ चुके हैं.
9. सुधा रमन के मुताबिक, अगर वहाँ पानी ओवरफ्लो हो, तो उसके लिए भी उन्होंने पानी मोड़ने के लिए चैनल भी बनाये गए हैं। और तो और, नार्थ ईस्ट मॉनसूनों के जल्दी आनेकी वजह से उन्हें और मदद मिली।