इल्तिजा मुफ्ती, जो पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की उम्मीदवार के रूप में बिजबेहाड़ा-स्रीगुफवारा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, ने 2024 के चुनावी नतीजों से पहले ही हार स्वीकार कर ली है। 8 अक्टूबर को, चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा से कुछ घंटे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, "मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं।"
36 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी और PDP के संस्थापक, मुफ्ती मोहम्मद सईद की पोती हैं। चुनाव में उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अनुभवी नेता बशीर अहमद वीरी से है, जो एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं।
मुफ्ती परिवार की राजनीतिक विरासत: क्या इल्तिजा इसे आगे बढ़ा पाएंगी?
इल्तिजा मुफ्ती की शैक्षणिक पृष्ठभूमि काफी प्रभावशाली है। उन्होंने दिल्ली से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया और उसके बाद यूके से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर की डिग्री प्राप्त की। वह लंदन में भारतीय उच्चायोग और ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टिट्यूट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत उनकी मां महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मीडिया सलाहकार के रूप में हुई। बिजबेहाड़ा-स्रीगुफवारा सीट को मुफ्ती परिवार का गढ़ माना जाता है, जहां दो पीढ़ियों ने जनता की सेवा की है। स्थानीय मतदाताओं के अनुसार, परिवार के विकास कार्यों का समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
I accept the verdict of the people. The love & affection I received from everyone in Bijbehara will always stay with me. Gratitude to my PDP workers who worked so hard throughout this campaign 💚
— Iltija Mufti (@IltijaMufti_) October 8, 2024
क्या मुफ्ती परिवार का गढ़ टूट रहा है?
1996 से, मुफ्ती परिवार ने बिजबेहाड़ा-स्रीगुफवारा सीट को हर विधानसभा चुनाव में अपने कब्जे में रखा है। हालांकि, इस बार के चुनाव परिणाम बताते हैं कि इल्तिजा को मतदाताओं से वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिली जैसी उम्मीद की जा रही थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार बशीर अहमद वीरी इस समय इल्तिजा से 5,000 से अधिक मतों की बढ़त बनाए हुए हैं, जो चुनाव की कड़ी प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
पहली बार चुनावी मैदान में: चुनौतियों का सामना
इल्तिजा मुफ्ती इस चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं और फिलहाल बिजबेहाड़ा-स्रीगुफवारा से पीछे चल रही हैं। यह सीट जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों में से एक है, जहां तीन चरणों में चुनाव हुए। 18 सितंबर को पहले चरण में मतदान हुआ, जिसमें 63.45% मतदान दर्ज किया गया, जो 2014 के 65.52% से थोड़ा कम है।
यह चुनाव धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए पहले विधानसभा चुनाव हैं। इस बार 873 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से केवल 43 महिलाएं हैं। चुनाव परिणामों की घोषणा 8 अक्टूबर की शाम को की जाएगी।