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लुधियाना की पहली महिला मेयर बनीं इंदरजीत कौर, जानें उनके प्रेरणादायक सफर के बारे में

इंदरजीत कौर ने लुधियाना की पहली महिला मेयर बनकर इतिहास रच दिया। एक शिक्षिका से मेयर बनने तक का उनका सफर, महिला सुरक्षा और शहर के विकास के लिए उनके विजन के बारे में जानें।

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Vaishali Garg
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Inderjit Kaur Becomes Ludhiana First Female Mayor

Photograph by Himanshu Mahajan Twitter: @HimanshuTribune

Inderjit Kaur: आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता इंदरजीत कौर ने लुधियाना की पहली महिला मेयर बनकर इतिहास रच दिया। 37 वर्षीय इंदरजीत कौर वार्ड नंबर 13 की पहली बार चुनी गई पार्षद हैं। 20 जनवरी को, उन्हें लुधियाना की मेयर के रूप में नियुक्त किया गया। उनके साथ राकेश पराशर को वरिष्ठ उप महापौर और प्रिंस जौहर को उप महापौर चुना गया। यह ऐतिहासिक चुनाव गुरु नानक देव भवन में संपन्न हुआ।

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लुधियाना की पहली महिला मेयर बनीं इंदरजीत कौर: जानें उनके प्रेरणादायक सफर के बारे में

इंदरजीत कौर एक दशक तक एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने वाणिज्य में स्नातक (कॉमर्स डिग्री), एमबीए और बीएड की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, वह लुधियाना जिले के लिए AAP महिला विंग की अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा देकर नगर निगम चुनाव लड़ा और इस बड़ी उपलब्धि को हासिल किया।

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इंदरजीत कौर के प्राथमिक एजेंडे

इंदरजीत कौर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि वह अपने शिक्षण अनुभव का उपयोग नगर निगम के संचालन में करेंगी। उन्होंने कहा, "मेरी प्राथमिकता नगर निगम के कर्मचारियों में अनुशासन और समयबद्धता सुनिश्चित करना होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचें ताकि आम लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।"

महिलाओं की सुरक्षा पर जोर देते हुए कौर ने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होगी, और इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, प्रदूषित बुड्ढा नाले की सफाई को भी प्राथमिकता दी जाएगी।"

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मेयर बनने के बाद पहली बैठक में उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे जनसेवाओं के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करें। उन्होंने कहा, "यह एक सामूहिक प्रयास है। हम निवासियों, पार्षदों और अधिकारियों के साथ मिलकर समग्र विकास सुनिश्चित करेंगे।"

महिला नेतृत्व और प्रतिनिधित्व की दिशा में एक बड़ा कदम

यह कदम महिला प्रतिनिधित्व को मजबूत करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता के बाद दिल्ली की मेयर के रूप में अरुणा आसिफ अली पहली महिला थीं। आज भारत में कई युवा महिला नेता मेयर के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं।

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संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) के अनुसार, केवल 19 देशों में महिला राष्ट्राध्यक्ष और 17 देशों में महिला सरकार प्रमुख हैं। वहीं, केवल 15 देशों में कैबिनेट मंत्री के पदों पर महिलाओं का 50 प्रतिशत या उससे अधिक प्रतिनिधित्व है। शोध बताते हैं कि महिला मेयरों द्वारा लागू नीतियां अक्सर पुरुषों से अलग और अधिक प्रभावशाली होती हैं।

इंदरजीत कौर का यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह अन्य महिलाओं को नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। लुधियाना की पहली महिला मेयर के रूप में उनका कार्यकाल शहर के विकास और महिलाओं की सुरक्षा को नई दिशा देने का वादा करता है।

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