Indian Badminton Player Ashmita Chaliha Beats World Number 1 Nozomi : अश्विता चालिहा ने हाल ही में बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में पूर्व विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को हराकर भारतीय बैडमिंटन में अपना दम दिखाया है। आइए जानते हैं इस युवा खिलाड़ी के बारे में और कैसा रहा है अब तक उनका सफर।
अश्विता चलीहा ने हराया पूर्व विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को
बचपन से ही बैडमिंटन का जुनून
18 अक्टूबर 1999 को गुवाहाटी में जन्मी अश्विता का बैडमिंटन से लगाव बचपन से ही था। सात साल की उम्र से ही उन्होंने प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। असम बैडमिंटन अकादमी में इंडोनेशियाई कोच एडविन इरियावान और भारतीय सुरंजन भोबोरा के मार्गदर्शन में उनका हुनर निखरा। एशियाई खेलों की तैयारी के दौरान उन्हें प्रसिद्ध पुलेला गोपीचंद का भी मार्गदर्शन मिला।
जूनियर चैंपियनशिप में सफलता और अंतरराष्ट्रीय जीत
अश्विता ने अपनी प्रतिभा का लोहा जल्दी ही मनवा लिया। 2017 विश्व और एशिया जूनियर चैंपियनशिप में राष्ट्रीय जूनियर टीम का हिस्सा बनकर उन्होंने टूर्नामेंट का अनुभव हासिल किया। चुनौतियों से सामना करते हुए 2018 दुबई अंतरराष्ट्रीय चैलेंज में महिला एकल स्पर्धा में उन्होंने अपना पहला सीनियर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। यह उनकी करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
2019 में दक्षिण एशियाई खेलों में अश्विता ने महिला एकल और टीम दोनों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने एकल स्पर्धा में हमवतन गायत्री गोपीचंद को हराया और टीम स्पर्धा के फाइनल में श्रीलंका टीम को हराकर सोने पर सुहागा लगा दिया। इन उपलब्धियों ने भारतीय बैडमिंटन में एक उभरते सितारे के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।
चुनौतियों का सामना और सीख
2017 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप एकल स्पर्धा में शुरुआती हारें भी अश्विता के सफर का हिस्सा रही हैं। लेकिन उन्होंने हार से सीखा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में प्राप्त अनुभव उनको एक बेहतर खिलाड़ी बनाने में मददगार साबित हुआ। 2018 एशियाई खेलों के लिए उनका चयन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी क्षमता को दर्शाता है।
2022: करियर में उछाल और पहचान
2022 में अश्विता के करियर में काफी उछाल आई। इंडिया ओपन में दिग्गज पीवी सिंधु से क्वार्टर फाइनल में हार के बावजूद, उन्होंने 2022 ओडिशा ओपन के सेमीफाइनल तक पहुंचकर अपनी लड़ाकू भावना का परिचय दिया। 2022 बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में उनका चयन उनके कौशल और भारतीय टीम में योगदान देने की उनकी क्षमता की मान्यता को दर्शाता है।
2022 में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेते हुए अश्विता ने सफलता और चुनौतियों का मिश्रण अनुभव किया। उन्होंने स्विस ओपन में दूसरे दौर तक पहुंची और सैयद मोदी इंटरनेशनल में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन 2022 ऑरलियन्स मास्टर्स में उन्हें जल्दी हार का सामना करना पड़ा। वाइल्डकार्ड एंट्री के तौर पर उनके उत्साहपूर्ण प्रदर्शन ने उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के उनके दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया।
पूर्व विश्व चैंपियन को हराकर सुर्खियों में आईं
अश्विता के करियर के प्रमुख आकर्षणों में से एक था बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में पूर्व विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को हराना। उनके बाएं हाथ के स्मैश और कुशल खेल ने उन्हें प्रशंसा दिलाई और शीर्ष प्रतिस्पर्धियों का सामना करने की उनकी क्षमता को उजागर किया।
अश्विता चालिहा की यात्रा समर्पण, लचीलापन और भारतीय खेलों में उभरती प्रतिभा का प्रतीक है। जैसे-जैसे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ती रहेंगी, प्रशंसक इस युवा और होनहार एथलीट से खेल में और अधिक उपलब्धियों और योगदान की उम्मीद करते हैं।