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Indian chess star Vaishali Handshake Controversy: 26 जनवरी 2025 को, नीदरलैंड्स के वाइक आन ज़ी में आयोजित टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के दौरान एक बड़ा विवाद उस समय खड़ा हो गया जब उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदीरबेक याकूबबोएव ने भारतीय शतरंज खिलाड़ी आर. वैशाली के साथ हैंडशेक करने से इनकार कर दिया। एक वीडियो में देखा गया कि वैशाली ने खेल शुरू होने से पहले हाथ बढ़ाया, लेकिन नोदीरबेक ने इसे नजरअंदाज कर दिया और सीधे अपनी जगह पर बैठ गए। इस घटना से वैशाली असहज नजर आईं, और यह मामला ऑनलाइन बहस का मुद्दा बन गया।
वैशाली के हैंडशेक विवाद पर जर्मनी की ग्रैंडमास्टर एलिसाबेथ पैट्ज़ का कड़ा समर्थन
वैशाली और प्रज्ञानंदा: भारत के शतरंज सितारे
23 वर्षीय वैशाली और उनके 19 वर्षीय भाई आर. प्रज्ञानंदा शतरंज इतिहास के पहले भाई-बहन हैं, जिन्होंने ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया है। इस घटना ने न केवल वैशाली के साथ हुए व्यवहार पर सवाल खड़े किए, बल्कि sexism (लिंगभेद) और खेल में समानता की बहस को भी जन्म दिया।
नोदीरबेक याकूबबोएव का पक्ष
नोदीरबेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घटना को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, “प्रिय शतरंज प्रेमियों, मैं इस घटना की स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं। मेरी धार्मिक मान्यताओं (इस्लाम) के कारण मैं महिलाओं को छूने से परहेज करता हूं। भारतीय शतरंज खिलाड़ियों और महिलाओं के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मान है। अगर मेरी हरकत से वैशाली को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “वैशाली और उनके भाई को मैं भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों में गिनता हूं। मैंने पहले यह बात इरीना बुलमागा से कही थी, लेकिन खेल के दौरान यह बात वैशाली और दिव्या को नहीं बता सका, जिससे यह अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई।”
नोदीरबेक ने यह भी माना कि उन्होंने पहले एक अन्य भारतीय खिलाड़ी दिव्या देशमुख के साथ हाथ मिलाया था, जो उनकी गलती थी। हालांकि, इस बार उन्होंने दिव्या के साथ हाथ मिलाने के बजाय ‘फिस्ट बंप’ का विकल्प चुना।
जर्मनी की ग्रैंडमास्टर एलिसाबेथ पैट्ज़ का समर्थन
नोदीरबेक के इस व्यवहार को जर्मनी की पहली और एकमात्र महिला ग्रैंडमास्टर एलिसाबेथ पैट्ज़ ने कड़ी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “नोदीरबेक के हाथ न मिलाने के फैसले ने स्थिति को और भी खराब कर दिया।”
Well yes, then just put a sign like this 🙏 or a nodding of your head and that’s it. His gesture was a gesture of “refusal” and “disrespect”. I am sure it must have been very irritating for Vaishali, mentioning here - she is a young and pure honest soul.
— ElliPaehtz (@ElliPaehtz) January 26, 2025
एलिसाबेथ ने वैशाली के पक्ष में अपनी बात रखते हुए कहा कि खेल में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।
वैशाली का प्रदर्शन
विवाद के बाद, वैशाली ने नोदीरबेक के खिलाफ खेल में जीत दर्ज की। जीत के बाद वैशाली ने भी उन्हें हैंडशेक का ऑफर नहीं दिया। वहीं, नोदीरबेक ने बुलमागा के खिलाफ आठवें दौर में जीत दर्ज की और टूर्नामेंट के ‘चैलेंजर्स’ सेक्शन में चार अंक हासिल किए। वैशाली, जिन्होंने डच खिलाड़ी आर्थर पीजर्स के साथ ड्रॉ खेला, अब 4.5 अंकों के साथ छठे स्थान पर हैं।
शतरंज में समानता की बहस
यह घटना केवल व्यक्तिगत व्यवहार तक सीमित नहीं रही, बल्कि शतरंज में लैंगिक समानता और धार्मिक परंपराओं के बीच संतुलन की बहस को भी जन्म दिया। वैशाली और उनके जैसे खिलाड़ी इस बात का उदाहरण हैं कि खेल में लैंगिक भेदभाव के बावजूद प्रतिभा और मेहनत का सम्मान होना चाहिए।