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Iran Hijab Row Controversy: महिला की मौत पर छात्राओं द्वारा हिंसक प्रदर्शन

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Swati Bundela
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supreme court on hijab ban

ईरान में हिजाब के ख़िलाफ़ परदर्शन तेज हो रहा है। अभी  भी हिजाब के ख़िलाफ़ महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन 15 शहरों में फैल गया है। मोरल पलीसिंग से बचने के लिए युवाओं की तरफ़ से सीक्रेट मैसेज  किए जा रहे। इसके अलावा महिलाएँ सड़कों पर उत्तर चुकी है और  विरोध में वे कारों पर चढ़कर हिजाब जला रही है और अपने बाल भी काट रही है।

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क्या है पूरा मामला

ईरान में 13 सितंबर को  22 वर्षीय महिला महासा अमीनी को ईरान में हिजाब ना पहनने पहनने के लिए पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया । मीडिया रिपोर्ट्स ले मुताबिक़, गिरफ़्तारी के बाद लड़की कोमा में चली गई और उसे अस्पताल भर्ती किया गया। 6 सितंबर को उसकी मौत के बाद राजधानी तहरान में एंटी हिजाब आंदोलन भड़क गया। इसके बाद एक ज़िम्मेदार पुलिस अफ़सर को निलंबित कर दिया गया। अभी भी लड़की की मौत की वजह की वजह साफ़ नही हुई है।

हिंसक हुआ प्रदर्शन

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पूरे देश में हिजाब के विरोध रहे है इसके साथ ही हिंसा भी फैल रही है।कुछ लोगों की हिंसा में मौत हो चुकी है।खबर यह भी है शहर में बड़ती हुई हिंसा के कारण ईरान में इंटर्नेट सेवाएँ भी बंद कर दी गयी ताकि लोगअवफ़ाओ से बच सकें।

कब आया हिजाब पहनने का क़ानून

इस्लामी क्रांति के बाद 1979 में ईरान यह क़ानून आया था जिसके अनुसार महिलाओं को  सिर्फ़ इस्लामी तरीक़े के अनुसार कपड़े पहनने होंगे। इस क़ानून के बाद ही लड़कियों का हिजाब पहनना ज़रूरी हो गया।पुलिस के द्वारा ड्रेस कोड का पालन ना करने के लिए बहुत बार कड़ी करवाई की जा चुकी है और इसके ख़िलाफ़ विरोध परदर्शन भी हो चुके है।

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मोरैलिटी पुलिस क्या है?

इस मामले में बार-बार मोरैलिटी  पुलिस का ज़िक्र हो रहा है जानते है कि आख़िर यह होता क्या है? BBC रिपोर्ट के अनुसार मोरैलिटी पुलिस 1979 में आया था। इसका औरतों को सुरक्षा के लिए बनाया गया है।इसको गश्त-ए- इरशाद के रूप में जाना जाता है। इरान पुलिस को यह  विशेष यूनिट है जिन्हें इस्लामी नैतिकता का सम्मान सुनिश्चित करने और गलत तरीके से कपड़े पहने लोगों को हिरासत में लेने का काम सौंपा गया है।

प्रेसिडेंट रईसी का ने 15 अगस्त को प्रतिबंधों की एक नई सूची जारी की थी जिसके अनुसार महिलाओं की निगरानी की शुरुआत की गई है और अगर कोई भी ऑनलाइन हिजाब के नियमों का विरोध करता है तो उसे जेल में डाल दिया जाएगा।

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तेहरान के गवर्नर मोहसिन मंसूरी ने मंगलवार को ट्वीट किया क्या,"विरोध प्रदर्शन अशांति पैदा करने के झंडे के साथ पूरी तरह से आयोजित थे।

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