इस शक्श की मुस्कुराती हुई वीडियो जैसे लोगों के दिलों में खंजर जैसी चुबी है। हंसी से साफ़ समझ आता है कि कैसे शाहरुख़ हुसैन नाम के इस मुजरिम को बिलकुल पुलिस का डर नहीं है और न ही अपने किये पर कोई शर्मिंदगी है।
अंकिता कुमारी का केस अब सबके दिलों में आग लिए बैठा है और सभी बस इंसाफ के फैसला का इंतज़ार कर रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि इस शक्श के खिलाफ कड़ा फैसला न सिर्फ इस मुजरिम के लिए बाकि सभी के लिए भी एक मिसाल होना चाहिए ताकि कोई ऐसी दरिंदगी करने से पहले कई बार सोचे।
पूरा मामला क्या है?
स्टाल्कर ने 23 अगस्त को लड़की के घर की खिड़की में से पेट्रोल डालकर आग लगायी जब वह अपने कमरे में सो रही थी। लड़के का नाम शाहरुख़ हुसैन है और इसने लड़की को ऑफर किया था और लड़की ने मना कर दिया था।
पुलिस का कहना हैं कि कुमारी को हुसैन लम्बे समय से परेशान कर रहे थे। दुमका के सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस का कहना हैं कि "23 अगस्त को सुबह सुबह हुसैन ने खुदकी से इनके ऊपर पेट्रोल डाला और फिर आग लगा दी। अंकिता इसके बाद मदद के लिए भी चिल्लाई और हुसैन को भागते हुए देख लिया था।" अंकिता के इलाज के वक़्त रांची में इन्होंने अपनी आखिरी सांसें लीं। अंकिता ने मरते वक़्त अपने आखिरी शब्दों में कहा कि जैसे मैं तड़पी हूँ वैसे ही वो भी तड़प कर मरना चाहिए।
कुमारी ने अपना मरने से पहले स्टेटमेंट पुलिस को दे दिया था और बताया कि हुसैन ने इनको फ़ोन लगाया था इस अटैक के 10 दिन पहले और अपना दोस्त बनने को कहा था। इसके बाद 22 अगस्त को एक बार फिर से फ़ोन करके कुमारी को जान से मारने की धमकी दी थी अगर वो बात नहीं करती हैं तो। इसके बाद कुमारी ने अपने पिता को इस धमकी के बारे में बताया था और इन्होंने अगले दिन हुसैन के घरवालों से बात करने का प्लान बनाया था।
कुमारी ने कहा जब इनकी आँख खुली तब यह चारों तरफ से आग में जल रही थीं और इन्होंने हुसैन को भागता हुआ देख लिया था। इसके बाद इनके माता पिता ने आग बुझाई और इनको अस्पताल लेकर गए थे। झारखण्ड हेल्थ मिनिस्टर बनना गुप्ता का कहना है कि "स्टेट गवर्नमेंट दुमका में लड़की के मर्डर को लेकर सीरियस हैं। मुजरिमों के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाएंगे।"