जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में राम नवमी के दिन से यानि की कल रविवार से सुर्खियों में बना हुआ है। इसका कारण Right To Eat What You Want है। रामनवमी पर मांस खाने को लेकर परिसर में खून-खराबा हुआ। मांसाहारी खाना इंडिया में चॉइस की तरह नहीं बल्कि धर्म- जाति, मान्यताओं के आधार से देखा जाता है। इसी के चलते यह यूनिवर्सिटी में अशांति बनी हुई है।
क्या है JNU मीट कंट्रोवर्सी?
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार को दोपहर के करीब साढ़े तीन बजे छात्रों के दो ग्रुप्स में झड़प हो गयी। इसका कारण रामनवमी के अवसर पर कावेरी हॉस्टल में लंच में मीट परोसा जाना था।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (JNUSU) ने आरोप लगाया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने मेस सचिव के साथ मारपीट की और कर्मचारियों को छात्रावास में मांस डिश परोसने से रोका। वही दूसरे ग्रुप एबीवीपी ने दावा किया कि हॉस्टल में रामनवमी के अवसर पर आयोजित की पूजा को रोकने की कोशिश की।जिसके चलते दोनों में बहस छिड़ गयी फिर दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव करने और सदस्यों को घायल करने का आरोप लगाया है। इसमें 6 स्टूडेंट्स घायल हो चुके है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को कैंपस में बुलाया गया है।
दोनों पक्षों की तरफ से क्या ब्यान जारी हुए है?
स्टूडेंट यूनियन ने ब्यान में कहा, "वे सभी छात्रों के लिए रात के खाने के मेनू को बदलने और उसमें सामान्य मांसाहारी डिशेस को बाहर करने के लिए मेस समिति पर हमला कर रहे थे।" एबीवीपी ने इस ब्यान को खारिज करते हुए कहा-" रामनवमी के पावन अवसर पर हम साढ़े तीन बजे कावेरी हॉस्टल में कुछ विद्यार्थियों ने पूजा व हवन कार्यक्रम का आयोजन किया था।
"इस पूजा में जेएनयू के छात्र बड़ी संख्या में शामिल हुए। वामपंथी विरोध करने आए, पूजा में बाधा डाली और पूजा को होने से रोका। उन्होंने मांसाहारी भोजन और भोजन के अधिकार के मुद्दे पर झूठा हंगामा किया है। JNU स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्वीट किया, “ABVP के गुंडों ने JNU के अंदर के निवासियों को नॉन वेज खाने से रोका है। ABVP ने हॉस्टल के मेस सचिव के साथ भी मारपीट की।
कैंपस परिसर के अंदर ABVP द्वारा की गई गुंडागर्दी के खिलाफ एकजुट हों। कुछ छात्र अभी भी परिसर के आसपास विरोध कर रहे है। आज "दोपहर में सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ कि एबीवीपी सदस्य परिसर के अंदर मांसाहारी भोजन की अनुमति नहीं दे रहे है"। जबकि मेस में आमतौर पर मांसाहारी भोजन तैयार होता है।