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News: कर्नाटका ने किया नाबालिगों के लिए कंडोम और कॉन्ट्रासेप्टिव बैन

आपको बता दें की यह फैसला बंगलौर के एक स्कूल में बैग की जांच के बाद किया गया है क्योंकी कुछ हफ़्ते पहले बच्चों के बैग में कंडोम, गर्भनिरोधक, सिगरेट और व्हाइटनर पाए गए थे। जानें अधिक इस न्यूज़ ब्लॉग में -

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Vaishali Garg
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Karnataka News: कर्नाटक के ड्रग्स कन्ट्रोल डिपारमेंट ने कल घोषणा की कि राज्य में हर फार्मेसी पर 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को कंडोम, और गर्भ निरोधक और एंटी डिप्रेसेंट दवाएं बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आपको बता दें की यह फैसला बंगलौर के एक स्कूल में बैग की जांच के बाद किया गया है क्योंकी कुछ हफ़्ते पहले जहां कंडोम, गर्भनिरोधक, सिगरेट और व्हाइटनर पाए गए थे।

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कर्नाटक में विद्यालयों के संबद्ध प्रबंधन (KAMS) ने बैंगलोर के स्कूलों से अपने छात्रों के बैग की नियमित रुप से जांच करने का अनुरोध किया था। और ऐसे ही एक समय के दौरान नवंबर 2022 में कक्षा 8, 9 और 10 के छात्रों के कई बैग में मोबाइल उपकरण, कंडोम, मौखिक गर्भ निरोधक, सिगरेट और व्हाइटनर पाए गए। बच्चों के माता-पिता यह जानकर शॉक्ड रह गए और स्कूलों ने उन्हें बाहर से मदद करने के लिए कहा और उन्हें 10 दिन की छुट्टी दे दी। जैसे ही यह खबर फैली इस ख़बर ने नेटिज़न्स को चौंका दिया क्योंकि उन्होंने चर्चा की कि क्या ऐसा परिदृश्य तब हुआ था जब वह युवा थे। इस घटना के बाद कई संबंधित नागरिकों ने कार्रवाई करने के लिए कर्नाटक के ड्रग्स कन्ट्रोल डिपारमेंट को याचिकाएँ भेजीं।

कर्नाटका ने किया नाबालिगों के लिए कंडोम और कॉन्ट्रासेप्टिव बैन (Karnataka Bans Sale of Condoms and Contraceptives to Minors)

कल कर्नाटक के ड्रग्स कन्ट्रोल डिपारमेंट ने पहली बार नाबालिगों को कंडोम, ओरल कॉन्ट्रेसेप्टिव और एंटी डिप्रेसेंट दवाओं की बिक्री पर सभी फार्मेसियों पर प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी किया है। कर्नाटक के ड्रग कंट्रोलर, भागोजी टी खानापुरे ने कहा, “तकनीकी रूप से, सरकार यौन संचारित रोगों को रोकने और जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी कंडोम को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, यह किशोरों या स्कूली बच्चों के लिए नहीं है।  इसलिए सख्ती से कहा गया है कि कम उम्र के किशोरों को दवाएं नहीं बेची जानी चाहिए।”  

एक स्कूल प्रिंसिपल ने भी मीडिया को बताया की उन्हें उम्मीद है कि इस फैसले से इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या कम होगी, उन्होंने कहा, "सबसे पहले छात्रों विशेष रूप से उच्च कक्षाओं में पढ़ने वालों का बहुत विरोध होगा। दूसरे हर बैग की नियमित रूप से जांच करना लगभग असंभव है क्योंकि इससे न केवल छात्रों के प्रवेश में देरी होगी बल्कि शैक्षणिक माहौल को भी नुकसान होगा।

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