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आजकल राइटिंग लोगों के एक पैशन के साथ-साथ उनके पॉकेट मनी का ज़रिया भी बन चुकी है । शीदपीपल.टीवी ने 11 तरीक को एक फेसबुक लाइव के थ्रू राइटर कविता शर्मा, जो कि कोलकाता में रहती हैं, से बात कि । कविता 3 सफल बुक्स की ऑर्थर रह चुकी हैं तो आइये जानते है उनके कुछ राइटिंग एक्सपेरिएंसेस और टिप्स :
वो एक काफी इमोशनल पर्सन है इसलिए उनकी राइटिंग ज़्यादातर इमोशंस से रिलेटेड होती है । उनकी राइटिंग में आप हर रिश्ते का अलग एहसास पाएंगे । उनका यह मानना है कि सबसे पहले अगर एक इंसान बहुत सेंसिटिव है और सबको फील कर सकता है, तो वो राइटर बन सकता है। दूसरा उसमे इमेजिनेशन भी होना चाहिए ।उनकी खुद कि राइटिंग इमोशंस और इमेजिनेशन के मिश्रण से बनी होती हैं ।
वो पर्सनली यह मानती हैं कि तकलीफ हर इंसान के अंदर के होती है, कोई उसे आंसू से निकाल देता है तो कोई शब्दों में । उनके लिए राइटिंग एक सुकून है। वो सिर्फ लिखने का पर्पस पूरा करने के लिए नहीं लिखती बल्कि उनको वो इमोशंस चाहिए होते है जो उनके राइटिंग में हेल्प करें । वो इमोशंस किसी पर्टिकुलर टाइम नहीं आते बल्कि किसी भी टाइम आ सकते है जैसे आधी रात को, ट्रेवल करते हुए कभी भी । उनका मानना है कि अगर आप एक इमोशनल पर्सन है तो राइटिंग अपने शब्दों को उतारने का सबसे बेस्ट तरीका है । लिखने के लिए आपको कोई एस्टाब्लिशड राइटर होने कि ज़रुरत नहीं, आप सिंपल वर्ड्स में भी अपने इमोशंस लिख सकते हैं ।
उन्हें नहीं लगता कि सिर्फ कुछ ऑथर्स को छोड़कर कोई और नहीं कह सकता है कि वो लिखने कि वजह से काफी पैसे कमा कर रहे हैं ।उनके जैसे राइटर्स जिनके लिए लिखना सिर्फ एक मोमेंट पे थॉट्स आने जितना है, वो कभी ऐसे बैठकर घंटों तक नहीं लिख सकते । ये काम सिर्फ कंटेंट राइटर्स का है जो न्यूज़ पेपर्स वगरह के लिए आर्टिकल्स लिखते है और जिन्हे पता होता है कि उनका जॉब यही है । उनके पास लिखने का एक स्पेसिफिक टाइम होता है ।
1 .लिखने के लिए उनकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ क्या ही ?
वो एक काफी इमोशनल पर्सन है इसलिए उनकी राइटिंग ज़्यादातर इमोशंस से रिलेटेड होती है । उनकी राइटिंग में आप हर रिश्ते का अलग एहसास पाएंगे । उनका यह मानना है कि सबसे पहले अगर एक इंसान बहुत सेंसिटिव है और सबको फील कर सकता है, तो वो राइटर बन सकता है। दूसरा उसमे इमेजिनेशन भी होना चाहिए ।उनकी खुद कि राइटिंग इमोशंस और इमेजिनेशन के मिश्रण से बनी होती हैं ।
2 . लिखना उनके लिए क्या है ?
वो पर्सनली यह मानती हैं कि तकलीफ हर इंसान के अंदर के होती है, कोई उसे आंसू से निकाल देता है तो कोई शब्दों में । उनके लिए राइटिंग एक सुकून है। वो सिर्फ लिखने का पर्पस पूरा करने के लिए नहीं लिखती बल्कि उनको वो इमोशंस चाहिए होते है जो उनके राइटिंग में हेल्प करें । वो इमोशंस किसी पर्टिकुलर टाइम नहीं आते बल्कि किसी भी टाइम आ सकते है जैसे आधी रात को, ट्रेवल करते हुए कभी भी । उनका मानना है कि अगर आप एक इमोशनल पर्सन है तो राइटिंग अपने शब्दों को उतारने का सबसे बेस्ट तरीका है । लिखने के लिए आपको कोई एस्टाब्लिशड राइटर होने कि ज़रुरत नहीं, आप सिंपल वर्ड्स में भी अपने इमोशंस लिख सकते हैं ।
3 . क्या हम राइटिंग को एक हार्डकोर प्रोफेशन बना सकते हैं ?
उन्हें नहीं लगता कि सिर्फ कुछ ऑथर्स को छोड़कर कोई और नहीं कह सकता है कि वो लिखने कि वजह से काफी पैसे कमा कर रहे हैं ।उनके जैसे राइटर्स जिनके लिए लिखना सिर्फ एक मोमेंट पे थॉट्स आने जितना है, वो कभी ऐसे बैठकर घंटों तक नहीं लिख सकते । ये काम सिर्फ कंटेंट राइटर्स का है जो न्यूज़ पेपर्स वगरह के लिए आर्टिकल्स लिखते है और जिन्हे पता होता है कि उनका जॉब यही है । उनके पास लिखने का एक स्पेसिफिक टाइम होता है ।